पाटन पाटनी से मां भगवती का पहला डोला पहुंचा झूमाधुरी मंदिर
पाटन पाटनी और राइकोट महर गांवों के मंदिरों में शनिवार सुबह विशेष पूजा की गई। दोपहर बाद लोगों का रुख झूमाधुरी मंदिर की ओर होने लगा। समुद्र तल से करीब सात हजार फुट की ऊंचाई पर खड़ी चढ़ाई पार कर पाटन पाटनी से मां भगवती का पहला डोला झूमाधुरी मंदिर पहुंचा।
मां के जयकारों के साथ ग्राम सभा पाटन पाटनी व राइकोट गांव से मंगलवार को मां झूमाधुरी देवी की रथ यात्रा निकली। सुहावने मौसम के बीच रस्सों व कंधों के सहारे दुर्गम पहाड़ियों की चढ़ाई पार कर श्रद्धा व विश्वास के साथ ऊंची चोटी पर स्थित मां झूमाधुरी के मंदिर परिसर में पहुंची। पूरा क्षेत्र भक्ति रस की धारा में डूब गया।
पाटन गांव के रथ में मां भगवती के अवतार के रूप में उमेश चंद्र पाटनी व धन सिंह पाटनी तथा राइकोट महर से निकले रथ में मां कालिका के अवतार के रूप में राधिका देवी विराजमान थीं। रथ में सवार देव डांगरों ने चंवर गाय की पूछ व अक्षत से भक्तों को आशीर्वाद दिया।
रथ के साथ साथ चल रहे देव डांगरों ने भक्तों के कष्टों को दूर किया। महिलाओं ने देव आधारित मांगलिक गीतों का गायन किया। युवाओं ने मां के जयकारे लगाए। दो दिवसीय झूमाधुरी मेला शांति पूर्व हो गया।
मेला कमेटी अध्यक्ष मोहन पाटनी, प्रकाश सिंह बोहरा, बाबा आदित्य दास, सुभाष विश्वकर्मा, शशांक पांडेय, कमल कुलेठा, हेम पाटनी, गंगा सिंह पाटनी आदि मौजूद रहे।





