चंबल नदी में चलते-चलते अचानक बंद हो गया स्टीमर, सौ लोगों की अटकी सांसें
चंबल नदी के पिनाहट घाट पर रविवार को मध्य प्रदेश सीमा से सवारियों को लेकर आ रहा स्टीमर एक बार फिर नदी के बीचो-बीच पंखुड़ियों में रस्सा फंसने से बंद हो गया। सौ लोगों की सांसे आधा घंटे तक अटकी रहीं।
चंबल नदी के पिनाहट घाट पर रविवार को मध्य प्रदेश सीमा से सवारियों को लेकर आ रहा स्टीमर एक बार फिर नदी के बीचो-बीच पंखुड़ियों में रस्सा फंसने से बंद हो गया। सौ लोगों की सांसे आधा घंटे तक अटकी रहीं। कर्मचारियों की तत्परता के चलते बड़ा हादसा होने से बच गया।
रविवार सुबह करीब दस बजे मध्य प्रदेश के उसैथ घाट से सौ सवारियों को लेकर स्टीमर पिनाहट की ओर चला था। स्टीमर चंबल के बीचोंबीच पहुंचा उसी वक्त उसका इंजन बंद हो गया। स्टीमर नदी की धार के साथ बहने लगा। यह देख सवारियों में चीख-पुकार मच गयी। स्टीमर पर तैनात कर्मचारी रवि सिह ने नदी मे कूदकर पंखुड़ीं मे फंसी रस्सी को निकाला। इसके बाद इंजन स्टार्ट हो गया। इस दौरान आधा घंटे तक स्टीमर नदी की धार के साथ बहकर करीब 200 मीटर तक चला गया। उसे बाद में किनारे पर लाया गया। तब कहीं जाकर लोगों की जान में जान आयी।
स्टीमर पर रखा रस्सा गिरा पानी में
स्टीमर ड्राइवर राजवीर सिंह के अनुसार नदी किनारे स्टीमर को रोकने के लिए रस्से से बांधना पड़ता है। यह रस्सा हर समय स्टीमर पर रखना पड़ता है। किसी सवारी के पैर लगने से रस्सा नदी में गिर गया था। यह रस्सा इंजन की पंखुड़ीं में फंस गया। इस कारण इंजन बंद हो गया था।
दूसरी बार चंबल में फंसा स्टीमर
सवारियां लेकर जा रहा स्टीमर नदी के बीचोबीच दूसरी बार बंद हुआ है। इससे पहले बीस जून को भी इंजन खराब हो जाने से स्टीमर नदी के बीचो-बीच बंद हो गया था।तब भी सवारियों की जान जोखिम में आ गयी थी।
