• November 21, 2024

हिंदी दिवस पर गोवा में हुआ 18वां लेखक मिलन सम्मान समारोह

16 सितंबर – हिंदी दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग द्वारा लेखक मिलन शिविर का 18वां संस्करण गोवा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर देशभर के 43 साहित्यकारों को हिंदी भाषा में योगदान के किए सम्मानित किया गया। समारोह में लखनऊ से डॉ. मनीष शुक्ल को आर्मड डी सूजा साहित्यिक यायावर सम्मान प्रदान किया गया। पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी एवं डॉ.अकेलाभाई प्रोग्रेसिव फाउंडेशन के संचालक डॉ.अकेला भाई ने कहा कि आज हिंदी अखिल भारतीय कामकाजी भाषा के साथ वैश्विक भाषा बन गई है। समारोह के अध्यक्ष शांति कुमार स्याल, पूर्व संपादक, राजभाषा भारती, गृह मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से हिंदी भाषा को रोजगार के साथ जोड़ा गया। वो उम्मीद जगाने वाला है। मुख्य अतिथि डॉ. रेखा द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार, प्रवासी भारतीय, ऑस्ट्रेलिया ने विश्व स्तर पर हिंदी के बढ़ते दायरे पर हर्ष जताया।

                                                                                                                                                                                                                           

 

दसमारोह में साहित्यकारों और कवियों के बीच संवाद और विचार विमर्श किया गया

तीसरे दिन 15 सितंबर 2024 को सम्मान समारोह सत्र अपराह्न 6:00 बजे से 9:30 बजे तक चलेगा, जिसमें “आर्मंड डी’सूजा साहित्यिक यायावर सम्मान 2024” 45 कवियों को प्रदान किया जाएगा। इस सम्मान के अंतर्गत कई प्रमुख साहित्यकारों और लेखकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित इस शिविर का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होगा, जिसमें नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। इस तीन दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य हिंदी साहित्य के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है। शिविर के दौरान साहित्यिक, सांस्कृतिक और काव्य गतिविधियों का संगम उपस्थित साहित्यकारों और कवियों के बीच आपसी विचार-विनिमय का एक उत्तम अवसर प्रदान करेगा। इस तीन दिवसीय लेखक मिलन शिविर का आयोजन हिंदी भाषा की समृद्धि और साहित्यिक योगदान को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से किया गया है। इसका हर सत्र न केवल साहित्य प्रेमियों और लेखकों के बीच संवाद का एक सशक्त माध्यम होगा, बल्कि हिंदी भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। कार्यक्रम की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए इस शिविर के संयोजक डॉ. अकेलाभाइ ने बता कि प्रत्येक दिन अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें साहित्यिक परिचर्चा, काव्य पाठ, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल हैं। ये सत्र हिंदी साहित्य के विविध पहलुओं पर गहन चर्चा और सृजनात्मक अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करेंगे। प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति रहेगी। शिविर में देश-विदेश से आए वरिष्ठ साहित्यकारो में प्रोफेसर मोहम्मद शब्बीर डॉ. अजय कुलश्रेष्ठ ‘अजेय’, अजय सिंह राणा, विजयेंद्र डॉ. रमा स्याल, श्रीमती कमला सिंह ‘ज़ीनत’, पंकज शर्मा शामिल रहे।

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