• December 28, 2025

कांग्रेस के 140 साल: स्थापना दिवस पर मल्लिकार्जुन खड़गे का हुंकार, कहा- ‘संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हमारा संकल्प’

नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के सबसे पुराने स्तंभ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आज अपना 140वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास और संकल्प के साथ मनाया। देश की राजधानी दिल्ली स्थित ‘इंदिरा भवन’ में आयोजित एक भव्य समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तिरंगा फहराया। यह अवसर केवल एक उत्सव मात्र नहीं था, बल्कि पार्टी के लिए अपने गौरवशाली इतिहास को याद करने और भविष्य की चुनौतियों के लिए कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा फूंकने का एक वैचारिक मंच भी बना। समारोह में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित पार्टी के तमाम दिग्गज नेता और हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

ध्वजारोहण के पश्चात सभा को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने भावुक और कड़े शब्दों में पार्टी के सफर को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास केवल एक राजनीतिक दल का इतिहास नहीं है, बल्कि यह आधुनिक भारत के निर्माण, स्वतंत्रता के संघर्ष और लोकतंत्र की जड़ों को गहरा करने की एक अनवरत यात्रा है। खड़गे ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से भारतवासियों के कल्याण, उनके सशक्तिकरण और समावेशी विकास को सर्वोपरि रखा है। उनके संबोधन में जहाँ एक ओर अतीत का गौरव था, वहीं दूसरी ओर वर्तमान सत्ता के खिलाफ कड़ा वैचारिक प्रहार भी स्पष्ट दिखाई दिया।

मुंबई के गोकुलदास तेजपाल कॉलेज से शुरू हुआ 140 वर्षों का सफर

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने भाषण के दौरान पार्टी की स्थापना के उन ऐतिहासिक क्षणों को याद किया, जब 28 दिसंबर 1885 को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में 72 प्रतिनिधियों ने मिलकर इस संगठन की नींव रखी थी। उन्होंने बताया कि किस तरह ए.ओ. ह्यूम के मार्गदर्शन और व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में शुरू हुआ यह कारवां देखते ही देखते दुनिया के सबसे बड़े जन आंदोलनों में तब्दील हो गया। खड़गे ने याद दिलाया कि आजादी से पहले के 62 वर्षों में करोड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लाठियां खाईं, जेल गए और अपने प्राणों की आहुति दी ताकि आने वाली पीढ़ियां एक स्वतंत्र भारत में सांस ले सकें।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे महान नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन महापुरुषों ने जिस भारत की कल्पना की थी, कांग्रेस आज भी उसी रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही सेवा और संघर्ष लिखा है, और यही कारण है कि तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद पार्टी आज भी भारत की अखंडता और धर्मनिरपेक्षता की सबसे बड़ी पैरोकार बनी हुई है।

बलिदान की गौरवगाथा और सोनिया-मनमोहन युग के सुधार

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने संबोधन में गांधी परिवार के बलिदानों को भी प्रमुखता से याद किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इस देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी को यह संदेश दिया कि देश की एकता को बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने कितनी बड़ी कीमत चुकाई है। इसके साथ ही खड़गे ने पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल को देश के लिए ‘अधिकारों का युग’ बताया।

खड़गे ने विस्तार से बताया कि कैसे यूपीए सरकार के दौरान जनता को शक्तिशाली बनाने वाले कानून लाए गए। उन्होंने सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), खाद्य सुरक्षा कानून और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) जैसे ऐतिहासिक कदमों का जिक्र किया। खड़गे के अनुसार, इन कानूनों ने न केवल गरीबों को सम्मान से जीने का हक दिया, बल्कि देश में पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल पेश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति हमेशा ‘व्यक्ति’ के बजाय ‘जनता के अधिकारों’ पर केंद्रित रही है।

मोदी सरकार और आरएसएस पर तीखा प्रहार

स्थापना दिवस के इस मौके पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की वर्तमान सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने उन सभी संस्थानों को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है, जिन्हें कांग्रेस ने दशकों की मेहनत से खड़ा किया था। खड़गे ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज देश के संविधान और लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने भाजपा और आरएसएस के नेताओं पर राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे तिरंगा, अशोक चक्र और संविधान के अनादर का आरोप भी लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार का स्वतंत्रता संग्राम से कोई सीधा संबंध नहीं रहा है, इसलिए वे उन मूल्यों को नहीं समझते जो इस लोकतंत्र की नींव हैं। उन्होंने दावा किया कि आज जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा रहा है। खड़गे ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे गांव-गांव जाकर लोगों को बताएं कि कैसे वर्तमान सत्ता उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रही है। उनके भाषण का मुख्य केंद्र ‘संविधान बचाओ’ और ‘लोकतंत्र की रक्षा’ रहा।

भविष्य का रोडमैप और एकता का संदेश

140वें स्थापना दिवस पर कांग्रेस ने न केवल अपनी उपलब्धियां गिनाईं, बल्कि आगामी वर्षों के लिए अपनी रणनीति का भी संकेत दिया। राहुल गांधी की मौजूदगी में खड़गे ने स्पष्ट किया कि पार्टी अब युवाओं और वंचित वर्गों की आवाज को और अधिक प्रखरता से उठाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस हमेशा उसी समावेशी भारत के लिए लड़ती रहेगी जहाँ हर धर्म, जाति और वर्ग के व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिले।

समारोह के अंत में पार्टी ने अपने आदर्शों और देशभक्ति के संकल्प को दोहराया। खड़गे ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी एक विचारधारा है जिसे कभी खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक देश में अन्याय और असमानता रहेगी, कांग्रेस का झंडा लहराता रहेगा और पार्टी जनता की ढाल बनकर खड़ी रहेगी। इस कार्यक्रम ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय में कांग्रेस अपनी ऐतिहासिक विरासत को आधार बनाकर केंद्र सरकार के खिलाफ एक व्यापक जन-आंदोलन की तैयारी में है।

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