• January 1, 2026

सुहाग की सलामती के लिए महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा

 सुहाग की सलामती के लिए महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा

पति की दीर्घायु को लेकर गुरुवार 6 जून को वट सावित्री का पर्व सुहागिन महिलाओं ने उत्साह और उमंग के साथ मनाया। बरगद के पेड़ में मौली धागा लपेटकर विधि विधान से पूजा अर्चना कर पति की दीर्घायु की कामना की गई। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा व्रत किया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को पड़ने वाले वट सावित्री व्रत की तरह ही व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं।

वट सावित्री का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। विशेष रूप से पति की दीर्घायु को लेकर मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह देखा गया। घरों के आसपास स्थित बरगद पेड़ के पास महिलाएं समूह में एकत्रित हुई। इसके बाद विधि-विधान से प्रसाद के रूप में थाली में गुड़, भीगे हुए चने, आटे से बनी हुई मिठाई, कुमकुम, रोली, मौली, पांच प्रकार के फल, पान का पत्ता, धूप, घी का दीया, एक लोटे में जल और एक हाथ का पंखा लेकर बरगद पेड़ के नीचे पूजा प्रारंभ हुई। पेड़ के जड़ में पानी व प्रसाद चढ़ाकर और धूप तथा दीप जलाया गया। अंत में बरगद के पेड़ के चारों ओर मौली धागा लपेटकर पूजा-अर्चना संपन्न की गई। अंत में प्रसाद का वितरण किया गया। महात्मा गांधी वार्ड स्थित बरगद पेड़ के पास पूजा कर रही रागिनी जाचक, गायत्री भोसले, चंद्रलता जगताप, प्रीति जाचक सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि वे सभी सालों से यह पर्व मानाती आ रही हैं।

पति की लंबी आयु और परिवार की सुख समृद्धि के लिए की जाती है पूजा

पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि इस दिन सुहागन स्त्रियां अपनी पति की लंबी उम्र व परिवार की सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती है। महिलाएं इस दिन वट और पीपल की पूजा कर शनिदेव को प्रसन्न करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा व्रत किया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को पड़ने वाले वट सावित्री व्रत की तरह ही व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। ये व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए, संतान प्राप्ति के लिए और घर-परिवार के सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए रखती हैं।

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