• October 16, 2025

सीओपीडी का मुख्य कारण धूम्रपान : डॉ आशुतोष गुप्ता

 सीओपीडी का मुख्य कारण धूम्रपान : डॉ आशुतोष गुप्ता

डब्ल्यूएचओ के अनुसार विश्व भर में 6.5 करोड़ लोगों को सीओपीडी है। ऐसा अनुमान है कि 2030 में सीओपीडी विश्व भर मे तीसरा सबसे बड़ा कारण बनेगा। यह एक गम्भीर रोग है जिसमें सांस की नलियां अवरोधित होती है। समय बीतने के साथ समस्या बढ़ती है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कफ के साथ खांसी, सांस का फूलना जो उम्र बढ़ने के साथ बढ़ते जाना, सांस लेते समय आवाज आना, वजन कम होना सीओपीडी के लक्षण हैं। धूम्रपान सीओपीडी का मुख्य कारण है।

उक्त विचार वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ एवं एएमए सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता ने रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कनवेन्शन सेंटर में ‘‘सीओपीडी के नवीनतम उपचार’’ पर व्याख्यान में व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि सीओपीडी पुरानी सूजन संबंधी फेफड़ों के विकारों के समूह के लिए एक छत्र शब्द जिसमें वायु प्रवाह बाधित हो जाते हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। सीओपीडी की शुरुआत धीरे-धीरे होती है, जिसके कारण रोगी अपनी स्थिति को पहचानने में विफल हो जाते हैं और समय पर इलाज की मांग नहीं करते हैं।

सीओपीडी आमतौर पर हानिकारक कणों या गैसों जैसे सिगरेट के धुएं, चूल्हे के धुएं और वायु प्रदूषकों के लम्बे समय तक सम्पर्क के कारण होता है। मरीजों को सांस की तकलीफ, खांसी, बलगम का उत्पादन, घरघराहट और सीने में जकड़न जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। ऐसे रोगियों में, सीओपीडी निदान की पुष्टि के लिए स्पाइरोमेट्री नामक एक फेफड़े के जांच की आवश्यकता होती है। हालांकि, स्पाइरोमेट्री का कम उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से रोग के शुरुआती चरणों में। इसका प्रमुख कारण स्पाइरोमीटर की उपलब्धता की कमी होना है।

स्पाइरोमेट्री परीक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ आशुतोष गुप्ता ने कहा “क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) लगातार श्वसन लक्षणों और फेफड़ों के वायु प्रवाह की सीमाओं की विशेषता है। सीओपीडी की प्रगतिशील प्रकृति को देखते हुए अधिकांश रोगियों द्वारा प्रारम्भिक लक्षणों को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, जब तक कि अधिक गम्भीर लक्षण नहीं होते। प्रारंभिक चरण के लक्षणों का अनुभव करने वाले रोगियों के लिए इलाज के पहले चरण के रूप में स्पाइरोमीटर परीक्षण के उपयोग द्वारा निदान का मानकीकरण शीघ्र निदान और उपचार सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

एएमए अध्यक्ष डॉ. कमल सिंह की अध्यक्षता में वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। उन्होंने वक्ता को स्मृति चिह्न एवं चेयरपर्सन डॉ. वीपी अग्रवाल, डॉ. राकेश सिंह और डॉ. शुभम अग्रवाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। संयुक्त वित्त सचिव एएमए डॉ. अभिनव अग्रवाल ने संगोष्ठी का संचालन तथा एएमए सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी में डॉ .शार्दूल सिंह, डॉ. सुबोध जैन, डॉ. आरकेएस चौहान, डॉ. सुजीत सिंह, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. युगान्तर पाण्डेय, डॉ. राजेश मौर्या, डॉ. अनूप चौहान, डॉ अभिनव अग्रवाल, डॉ. सपन श्रीवास्तव, डॉ. उत्सव सिंह आदि उपस्थित रहे।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *