सड़क के रास्ते गुजरात से UP लाए जा सकते हैं अतीक अहमद, साबरमती जेल पहुंची योगी की पुलिस
अभियान में शामिल कई अधिकारियों ने जेल गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए शरीर पर कैमरे लगा रखे थे। छापेमारी का मकसद यह पता लगाना था कि जेलों में कोई अवैध गतिविधि तो नहीं हो रही। साथ ही इसका उद्देश्य यह जानना था कि कैदियों को कानून के तहत सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आईफोन से अतीक और अशरफ करते थे बातचीत
उमेश पाल की हत्या के बाद प्रयागराज पुलिस ने बड़ा खुलासा किया था। हत्याकांड में जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दावा किया था कि अहमदाबाद जेल में बंद अतीक और बरेली जेल में बंद अशरफ अपने गुर्गों के साथ आईफोन से जुड़े थे। उमेश की हत्या से पहले तक फोन पर एक दूसरे से बात करते थे। पुलिस मुठभेड़ में मारा गया उस्मान ने भी मरने से पहले पुलिस को बयान दिया था जेल में बंद अतीक ने उसे फोन पर अपना बेटा कहा था। इससे पूर्व अहमदाबाद जेल में बंद अतीक ने बमरौली के प्रॉपर्टी डीलर जैद को कॉल करके धमकाया था। उसका आडियो वायरल हुआ। इसके बाद धूमनगंज पुलिस ने जेल से धमकाने में अतीक के खिलाफ केस दर्ज किया था।