संसद मानसून सत्र का दूसरा दिन: बिहार वोटर लिस्ट मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा-राज्यसभा बुधवार तक स्थगित
नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025 : संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के तीव्र विरोध के कारण हंगामेदार रहा। विपक्षी नेताओं, जिनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अखिलेश यादव शामिल थे, ने संसद के मकर द्वार पर बिहार SIR के खिलाफ प्रदर्शन किया। विपक्ष ने इसे ‘वोटबंदी’ करार देते हुए मतदाताओं के अधिकारों पर हमला बताया। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए टाल दी गई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने भी सियासी माहौल को और गरमाया।
बिहार वोटर लिस्ट पर विवाद
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 1 जुलाई 2025 से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की है, जिसका उद्देश्य नए मतदाताओं का पंजीकरण और मृत या डुप्लिकेट नाम हटाना है। विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस और राजद, इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, “महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में वोट बढ़ाकर और अब बिहार में नाम काटकर ‘वोटबंदी’ की जा रही है।” आप सांसद संजय सिंह और राजद सांसद मनोज झा ने इसे ‘चुनावी धांधली’ का प्रयास बताया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की, जिसके लिए संजय सिंह और अखिलेश प्रसाद सिंह ने नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस भी दिया।
संसद में हंगामा और स्थगन
सत्र के दूसरे दिन सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने बिहार SIR और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सांसदों से शांत होने की अपील की, लेकिन हंगामा नहीं रुका। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है, लेकिन तख्तियां और नारेबाजी से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती है। दिनभर में लोकसभा को तीन बार और अंततः बुधवार तक स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में भी कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित होने के बाद पूरे दिन के लिए टाल दी गई।
विपक्ष की रणनीति और सियासी टकराव
इंडिया गठबंधन की बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में सात प्रमुख मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनी, जिनमें बिहार SIR, पहलगाम आतंकी हमला, और ऑपरेशन सिंदूर शामिल हैं। विपक्ष ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन मुद्दों पर सदन में जवाब दें। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने SIR को लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा बताया। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उधर, सरकार ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब देंगे, लेकिन विपक्ष पीएम की मौजूदगी पर अड़ा हुआ है। धनखड़ के इस्तीफे ने भी विपक्ष को नया मुद्दा दे दिया है, जिससे सत्र के और हंगामेदार होने की आशंका है।
