आज सुबह क़रीब दस बजे भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्यागचुक सीऍम योगी के साथ अपने आधिकारिक
दौरे पर प्रयागराज पहुंचे और दोनों ने साथ में लगाई संगम के पवित्र जल में डुबकी । भूटान नरेश ने पवित्र संगम में डुबकी लगाने के साथ ही साथ गंगा मैया की भी पूजा पाठ की और इसके बाद वे दोनों लेटे हुए हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन के लिए भी गए। आपको बता दे, वे डिजिटल कुम्भ को भी देखने के लिए गए थे। सूत्रों की माने तो उनके भारत दौरे का प्रमुख कारण महाकुम्भ में जाकर संगम में आस्था की डुबकी लगाना हैं। इस दौरान भूटान नरेश और सीऍम योगी को बोटिंग के साथ संगम में पंछियो को दाना डालते हुए देखा गया। जिसकी बहुत सी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। आपको बता दे इसके बाद वे दोनों लेटे हुए हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन भी किये। महाकुम्भ में देश विदेश के लोगो का आना यह दर्शाता हैं कि महाकुम्भ की न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रख्यात हैं।
आपको बता दे भूटान नरेश अपने आधिकारिक दौरे पर कल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहुँचे जहाँ पर उत्तर प्रदेश के सीऍम योगी आदित्यानाथ और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत सत्कार पारम्परिक ढंग से किया। उनके इस दौरे के लिए राज्यभवन में रात्रिभोज का भी आयोजन किया गया था। इस दौरान सीऍम योगी और उनके बीच भारत और भूटान के राजनितिक और सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा भी हुई। उनके इस आधिकारिक दौरे को देखते हुए शहर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी थी ।सूत्रों की मानें तो भूटान नरेश राजभवन में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करी । दौरे के दौरान उनके साथ वरिष्ठ प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे। इस पूरे कार्यक्रम को लेकर यूपी सरकार की ओर से तमाम इंतजाम किए गए थे ।
क्या फिरेगा चीन के मनसूबों पर पानी ?
आज भूटान नरेश को महाकुम्भ के इस पवन अवसर पर संगम में पवित्र स्नान करते देख चीन के हाथ पाव जरूर फुल रहे होंगे। भारत और भूटान पहले से ही क़रीबी दोस्त हैं पर बीते कुछ सालों में भूटान चीन के तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा हैं। चीन पहले से ही भारत को चारों ऒर से घेरने की कोशिश में हैं तो आज आयी महाकुम्भ की तस्वीरो ने ये जाहिर कर दिया की भारत और भूटान का रिस्ता पहले से मज़बूत होता हुआ दिखाई दे रहा हैं।
भारत के लिए क्यों महतवपूर्ण हैं भूटान
भूटान भारत और चीन को अलग रखने का काम करता है, इसीलिए भूटान भूगोलिक दृश्य से भी भारत के महत्वपर्ण हैं। भारतीय सेना भूटान में तैनात होकर चीन की गतिविधियों पर नज़र रखती हैं। भारत के लिए जरूररी हैं की गलवान घाटी चीन के कब्जे में न जाये वरना भारत पर सुरक्षा का ख़तरा मंडराता रहेंगे
इसीलिए भूटान नरेश का भारत आना कूटनीति के दृश्य से भी दुनिया भर में देखा जायेगा।