• December 25, 2025

थैंक्यू डॉक्टर साहब… तालिबान के विदेश मंत्री ने जयशंकर से कहा, भारत ने भूकंप पीड़ितों के लिए फिर दिल जीता

नई दिल्ली, 4 नवंबर 2025: अफगानिस्तान में भूकंप की तबाही ने सदमे की लहर दौड़ा दी, लेकिन भारत का तुरंत पहुंचा हाथ उम्मीद की किरण बन गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तालिबान के समकक्ष मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बात की, संवेदना जताई और राहत का भरोसा दिलाया। सोशल मीडिया पर अफगान जनता का आभार उमड़ पड़ा – “थैंक यू इंडिया”। लेकिन क्या यह सिर्फ मदद है या भारत-अफगान रिश्तों में नया मोड़?

भूकंप की तबाही: उत्तर अफगानिस्तान में मची खलबली

अफगानिस्तान के बल्ख, समनगन और बगलान प्रांतों में 2 नवंबर को 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने कम से कम 20 लोगों की जान ले ली और सैकड़ों घायल हो गए; मजार-ए-शरीफ की ऐतिहासिक ब्लू मस्जिद को नुकसान पहुंचा, जबकि बिजली आपूर्ति काबुल तक प्रभावित हो गई। तालिबान प्रशासन पहले से ही आर्थिक संकट और शरणार्थी निर्वासन से जूझ रहा था, और यह आपदा सर्दी से पहले बोझ बढ़ा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में पहाड़ी इलाकों की मुश्किलें और खराब मौसम बाधा बने, जहां हजारों परिवार बेघर हो गए। यूएसजीएस के अनुसार, मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है, जबकि सेव द चिल्ड्रन जैसे संगठनों ने चेतावनी दी कि सर्दी में तापमान शून्य से नीचे गिरने से स्थिति और खराब हो सकती है। भारत ने सबसे तेज प्रतिक्रिया दी, जो 2021 के तालिबान सत्ता हस्तांतरण के बाद भी मानवीय सहायता जारी रखे हुए है। जयशंकर ने तुरंत फोन कर मुत्ताकी को शोक संदेश भेजे, जो अफगानिस्तान के लिए एक मनोबल बढ़ाने वाला कदम साबित हुआ। यह घटना भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति को रेखांकित करती है, जहां राजनीति से ऊपर मानवता है। (150 शब्द)

फोन पर संवाद: जयशंकर-मुत्ताकी की बातचीत में सहायता का ऐलान

जयशंकर ने सोमवार दोपहर मुत्ताकी से फोन पर बात की, जिसमें भूकंप से जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना जताई और तत्काल राहत का वादा किया; उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि भारतीय राहत सामग्री प्रभावित इलाकों में पहुंचाई जा रही है, जिसमें टेंट, कंबल, मेडिकल सप्लाई और 15 टन भोजन शामिल है, जबकि दवाओं की अतिरिक्त खेप जल्द रवाना होगी। मुत्ताकी ने जयशंकर को “डॉक्टर साहब” कहकर आभार जताया और भारत की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की, जो तालिबान की ओर से दुर्लभ है। बातचीत में मुत्ताकी की पिछले महीने भारत यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति पर चर्चा हुई, जहां पीपुल-टू-पीपुल कॉन्टैक्ट बढ़ाने और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि यह सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचेगी। भारत ने काबुल में अपनी तकनीकी टीम को एम्बेसी स्तर पर अपग्रेड किया है, बिना औपचारिक मान्यता दिए, जो सहयोग को मजबूत कर रहा है। यह संवाद दिखाता है कि भारत तालिबान से सीधा संवाद बढ़ा रहा है, लेकिन फोकस जनता पर है।

सोशल मीडिया पर धन्यवाद की बाढ़: अफगान जनता का दिल जीता भारत ने

एक्स पर अफगान यूजर्स की पोस्ट्स की भरमार हो गई, जहां “थैंक यू इंडिया” और “जयशंकर साहब, आपने फिर दिल जीत लिया” जैसे संदेश वायरल हो रहे हैं; जहां-ए-फिक्र नामक यूजर ने लिखा, “जब बाकी देश चुप हैं, भारत उम्मीद का नाम है।” वाहिदा नामक महिला ने कहा, “आपकी दया उन लोगों के लिए किरण है जिन्होंने सब खो दिया।” सोहेब निकजाद ने जोड़ा, “चाहे महामारी हो या भूकंप, भारत ने कभी मुंह नहीं मोड़ा।” अख्तर मोहम्मद और रेजा होसैनी जैसे यूजर्स ने जयशंकर की पोस्ट शेयर कर लिखा, “हम उपकार का बदला खुशियों से लौटाएंगे।” ये प्रतिक्रियाएं भारत की साइलेंट डिप्लोमेसी की ताकत दिखाती हैं, जो 2021 काबुल संकट, कोविड सहायता और अब भूकंप में दोहराई गई। अफगानिस्तान के साथ सदियों पुराने सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करते हुए, यह मदद राजनीतिक शोर से दूर इंसानियत की मिसाल बनी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत की वैश्विक छवि “शांत शक्ति” के रूप में मजबूत होगी, और अफगान जनता में विश्वास बढ़ेगा। 
Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *