• November 21, 2024

कितना बदले राहुल गांधी और कितना बचा है PM मोदी का जादू, 2023 के 9 विधानसभा चुनाव करेंगे फैसला

साल 2022 अब गुजरने को है और 2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन ये इससे भी कहीं ज्यादा होंगे। त्रिपुरा, मेघालय, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के चुनाव तय करेंगे कि विपक्ष अभी किस हद तक जिंदा है या फिर मोदी का जादू जस का तस बना हुआ है। यदि इन राज्यों में से ज्यादातर में भाजपा को हार का सामना करना पड़ता है तो फिर इससे बिखरे विपक्ष के लिए एक उम्मीद बंध सकती है और उसे इस बात का आत्मविश्वास होगा कि भाजपा अजेय नहीं है।

मोदी के निशाने पर केजरीवाल-राहुल के होने की वजह गुजरात चुनाव है या 2024? -  मोदी के निशाने पर केजरीवाल-राहुल के होने की वजह गुजरात चुनाव है या 2024?

इन चुनावों से नैरेटिव भी बदलेंगे। यदि कांग्रेस को कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सफलता मिलती है तो यही संदेश जाएगा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का ही यह कमाल है। इससे एक तरफ राहुल गांधी का कद बढ़ेगा तो वहीं कांग्रेस भी विपक्ष की धुरी के तौर पर उभर सकेगी। कांग्रेस के लिए यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ममता बनर्जी, केसीआर, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार जैसे नेता विपक्षी एकता के प्रयासों में उससे दूरी बरतते रहे हैं। ऐसे में यदि कांग्रेस 9 राज्यों के चुनाव में मजबूती से उभरती है तो वह उन नेताओं को संदेश दे सकेगी, जो विपक्षी एकता की बात से दूर रह रहे हैं।

भाजपा की संभावनाओं की बात करें तो त्रिपुरा में उसका मुकाबला सीधे तौर पर लेफ्ट से होगा, जहां कांग्रेस कमजोर है और टीएमसी यहां एंट्री करने का प्रयास कर रही है। वहीं मेघालय की बात करें तो यहां भी कांग्रेस 2018 में 21 सीट जीतने के बाद भी सत्ता से दूर थी। यहां भाजपा ने एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी और इस चुनाव में ऐसा लगता है कि भाजपा के गठबंधन के मुकाबला टीएमसी से ही होगा। नागालैंड में भी भाजपा खुद को मजबूत करना चाहती है, जहां उसने 60 में से 12 सीटें 2018 में जीती थीं।

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