काबुल का रिमोट दिल्ली के हाथ में? पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का भारत पर तीखा हमला, दो-मोर्चे की जंग की धमकी
नई दिल्ली, 4 नवंबर 2025: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने फिर भारत को निशाने पर लिया है। अफगानिस्तान के साथ सीमा तनाव के बीच उन्होंने दावा किया कि तालिबान सरकार दिल्ली के इशारों पर नाच रही है। क्या यह महज बयानबाजी है या पाकिस्तान की नई रणनीति? दो-मोर्चे की जंग की चेतावनी ने क्षेत्रीय समीकरणों को और जटिल कर दिया है।
दो-मोर्चे की जंग: आसिफ का भारत-अफगानिस्तान पर तीखा प्रहार
1 नवंबर 2025 को जियो न्यूज पर इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान पूर्वी (भारत) और पश्चिमी (अफगानिस्तान) दोनों सीमाओं पर घिरा हुआ है, और भारत की साजिश है कि पाकिस्तान को उलझाकर उसकी सैन्य-आर्थिक ताकत तोड़ी जाए। उन्होंने अफगानिस्तान को भारत का ‘प्रॉक्सी’ करार दिया, दावा किया कि अशरफ गनी शासन से ही दिल्ली काबुल का इस्तेमाल छद्म युद्ध के लिए कर रही है। “काबुल में जो हो रहा है, उसका रिमोट दिल्ली के हाथ में है,” आसिफ ने कहा, और तालिबान सरकार को भारत के प्रभाव में बताया। उन्होंने ‘पक्के सबूत’ होने का दावा किया, जो “समय आने पर दुनिया को दिखाएंगे।” यह बयान तुर्की-कतर मध्यस्थता वाली इस्तांबुल वार्ता के फेल होने के बाद आया, जहां अफगान पक्ष ने चार-पांच बार समझौते से पीछे हटने का आरोप लगा। आसिफ ने चेतावनी दी कि भारत पूर्वी सीमा पर ‘गंदी चाल’ चला सकता है, लेकिन पाक सेना पूरी तरह तैयार है। यह बयान मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर – पहलगाम हमले के जवाब में PoK पर भारत की कार्रवाई – के बाद आया, जिसे आसिफ ने शिमला समझौते को ‘मृत’ बताकर खारिज किया था।
सीमा पर तनाव की आग: पाक-अफगान झड़पों में भारत का नाम
पाक-अफगान सीमा पर हाल के महीनों में गोलीबारी और हवाई हमलों ने तनाव चरम पर पहुंचा दिया है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान TTP जैसे आतंकी संगठनों को शरण दे रहा है, जबकि तालिबान का कहना है कि पाक अपनी नाकामियां अफगानिस्तान पर थोप रहा। 17 अक्टूबर को पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमला किया, जिसे तालिबान ने संप्रभुता उल्लंघन बताया। इसके बाद इस्तांबुल में चार दिवसीय वार्ता हुई, लेकिन काबुल के हस्तक्षेप से समझौता टूट गया। आसिफ ने कहा कि तालिबान ‘युद्ध अर्थव्यवस्था’ पर चल रहा और भारत इसका फायदा उठा रहा। उन्होंने अफगानिस्तान को धमकी दी, “अगर इस्लामाबाद की ओर देखा, तो आंखें फोड़ देंगे।” भारत ने इन आरोपों को ‘पाकिस्तान की पुरानी आदत’ बताकर खारिज किया, जबकि अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने इसे ‘बेबुनियाद’ कहा। 48 घंटे का संघर्षविराम हुआ, लेकिन सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता को छिपाने की कोशिश है।
क्षेत्रीय समीकरण बिगड़ते: पाकिस्तान की चेतावनी और भारत का रुख
आसिफ का बयान क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, क्योंकि पाकिस्तान अब दो-मोर्चे की जंग के लिए ‘रणनीति तैयार’ बता रहा। उन्होंने कहा कि कोई विशेष बैठक नहीं हुई, लेकिन सेना हर संभावना के लिए मुस्तैद है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिससे पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया। अफगानिस्तान के साथ संबंध खराब होने से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान हो रहा, और भारत पर आरोप लगाकर वह घरेलू समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा। तालिबान ने पाकिस्तान के हमलों की निंदा की, लेकिन भारत के साथ संबंधों को ‘राष्ट्रीय हित’ बताया। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन और अमेरिका जैसे खिलाड़ी इस तनाव से फायदा उठा सकते हैं। भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता जारी है, जो पाकिस्तान को चुभ रही। अगर सबूत पेश हुए, तो यह कूटनीतिक युद्ध भड़का सकता है, वरना महज बयानबाजी साबित होगा