‘ईरान के ऊर्जा व्यापार पर ट्रंप का शिकंजा’: भारत की 8 कंपनियां-व्यक्तियों पर बैन, अमेरिका ने लगाए 50+ प्रतिबंध
वाशिंगटन, 11 अक्टूबर 2025: अमेरिका ने ईरान के ऊर्जा क्षेत्र पर ‘मैक्सिमम प्रेशर’ कैंपेन को तेज करते हुए 50 से अधिक संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ट्रंप प्रशासन के इस एक्शन में भारत को भी लपेट लिया गया, जहां 8 भारतीय नागरिकों और 9 कंपनियों पर SDN (स्पेशली डेजिग्नेटेड नेशनल्स) लिस्ट में डालकर अमेरिकी व्यापार और प्रवेश पर पूर्ण रोक लगा दी गई। यह कदम ईरान के पेट्रोलियम और LPG निर्यात को चोक करने का हिस्सा है, जो तेहरान को आतंकवाद फंडिंग के लिए मिलने वाली कमाई को रोकने का प्रयास है। लेकिन क्या यह भारत के ऊर्जा व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा? आइए, इस बड़ी कार्रवाई की पूरी कहानी जानते हैं।
ट्रंप का ‘मैक्सिमम प्रेशर’: ईरान के तेल निर्यात पर लगाम
ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को ईरान की ‘दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों’ को फंड करने वाले नेटवर्क पर हमला बोला। अमेरिकी विदेश विभाग और ट्रेजरी के OFAC ने लगभग 40 संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए, जबकि ऊर्जा निर्यात में शामिल 50+ पर SDN लिस्ट में डाला। ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने कहा, “हम ईरान की कमाई को कमजोर कर रहे हैं, जो आतंकवादी समूहों को फंड करती है।” यह कार्रवाई ‘शैडो फ्लीट’—ईरान के तेल को ट्रैकिंग से बचाने वाले जहाजों—को निशाना बनाती है। ईरान ने प्रतिबंधों से बचने के लिए UAE, हॉन्गकॉन्ग, चीन और भारत जैसे देशों के जरिए अरबों डॉलर का तेल बेचा। अब SDN लिस्ट में आने वालों की अमेरिकी संपत्ति फ्रीज हो जाएगी, और US नागरिकों से कोई डीलिंग नहीं।
भारत पर नजर: 8 नागरिकों-9 कंपनियों पर बैन, करोड़ों का तेल व्यापार
अमेरिका ने ईरानी पेट्रोकेमिकल और LPG व्यापार में कथित भूमिका के लिए भारत को निशाने पर लिया। OFAC की सूची में 8 भारतीय नागरिक और 9 कंपनियां शामिल हैं, जो SDN लिस्ट में डाल दी गईं। इनमें से अधिकतर छोटी-मध्यम कंपनियां हैं, जो ईरानी उत्पादों का आयात-निर्यात करती रहीं। प्रतिबंधित व्यक्तियों में निती उन्मेश भट्ट (इंडीसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड), पीयूष मगलाल जाविया (केमॉविक प्राइवेट लिमिटेड), कमला कनयालाल कसाट, कुनाल कनयालाल कसाट, पूनम कुनाल कसाट (हरेश पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड), वरुण पुला (बर्था शिपिंग इंक), इयप्पन राजा (एवी लाइन्स इंक), और सोनिया श्रेठा (vega स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड) शामिल हैं। कंपनियां: B K Sales Corporation, C. J. Shah and Co., Mody Chem, Paarichem Resources LLP, Shiv Texchem Limited, आदि। इनका कुल व्यापार 2024-25 में 10 करोड़ डॉलर से अधिक का अनुमानित।
SDN लिस्ट का असर: व्यापार बंद, अमेरिका में प्रवेश पर रोक
SDN लिस्ट में आने का मतलब है कि ये भारतीय नागरिक और कंपनियां US नागरिकों/कंपनियों से कोई व्यापार नहीं कर सकेंगी। उनकी अमेरिकी संपत्ति फ्रीज हो जाएगी, और वीजा/प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा। उदाहरण: निती भट्ट की कंपनी ने 7.4 करोड़ डॉलर के ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए; जाविया की 70 लाख डॉलर। जहाजों जैसे PAMIR (40 लाख बैरल LPG चीन को), SAPPHIRE GAS (10 लाख बैरल), और NEPTA (पाकिस्तान को) का संचालन भारतीयों के जरिए हुआ। OFAC ने कहा कि ये कार्रवाइयां ईरान की कमाई को ‘डिग्रेड’ करेंगी। भारत सरकार ने अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन पिछले प्रतिबंधों (जैसे Gabbaro Ship Services) में MEA ने ‘व्यापार नियमों का पालन’ का आश्वासन दिया था। यह कदम भारत-US संबंधों पर असर डाल सकता है।
