सोमवती अमावस्या : 255 वर्षों बाद आज बन रहा अद्भुत संयोग, आज करें ऐसे पूजन तो बरसेंगी भोलेनाथ की कृपा
आज सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है. आज के दिन 255 सालों बाद एक बड़ा संयोग बन रहा है, जिसके वजह से आज श्रद्घालुओं पर भगवान आशुतोष की अपार कृपा रहेगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस बार अमावस्या सोमवार को पड़ रही है और परिघ योग एवं शिव योग का विशेष संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षों में ही कभी-कभी आता है। ज्योतिषाचार्यों की माने तो, सोमवती अमावस्या पर पड़ रहे परिघ और शिव योग के विशेष संयोग में स्नान करने से बेहद ही पुण्य लाभ मिलेगा। मान्यता है कि परिघ योग शत्रुओं पर विजय दिलाता है।
क्या होती है सोमवती अमावस्या ?
सोमवार के दिन जब अमावस्या पड़ती है उस दिन को भक्त सोमवती अमावस्या के रूप में मनाते है और यह योग साल में एक या दो बार ही बनता है। सुबह 03:57 बजे से लेकर यह 11:03 बजे तक है। इसके बाद से पूरे दिन शिव योग रहेगा। इसको लेकर भक्तों में मान्यता है कि, सोमवती अमावस्या के अवसर पर गंगा स्नान करने से देवों के देव महादेव की विशेष कृपा बरसेगी। परिघ योग में गंगा स्नान करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। इस योग के स्वामी शनिदेव हैं, जबकि शिव योग भक्ति और साधना के लिए सर्वोत्तम है।
जानिए क्या है शिव योग का महत्व ?
मान्यता है कि इसी योग में रावण ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। तब भगवान आशुतोष ने प्रसन्न होकर रावण को त्रिलोक विजेता होने का वरदान और आशीर्वाद दिया था। रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र को रावण तांडव स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस स्तोत्र की रचना रावण द्वारा की गई थी। इस स्तोत्र में रावण ने 17 श्लोंको से भगवान शिव की स्तुति गाई है। शिव योग में ही रावण द्वारा शिव तांडव स्त्रोत की रचना करने का भी प्रमाण मिलता है।
आज के दिन स्नान और व्रत करने वालों बरसेंगी कृपा
ज्योतिषाचार्य द्वारा दी गयी जानकारी में बताया कि, सोमवार को पंचाग की भाषा में चंद्रवार कहते हैं। यह दिन भगवान शिव को अति प्रिय है। इसलिए श्रद्घालुओं की ओर से सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। इस दिन कुछ श्रद्घालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। सोमवार व्रत के साथ यदि गंगा स्नान किया जाए तो व्रत करने का लाखों गुना पुण्य मिलता है।