• December 31, 2025

शाहरुख खान और केकेआर पर बरसे देवकीनंदन ठाकुर: बांग्लादेशी खिलाड़ी की टीम में एंट्री पर भारी बवाल, बहिष्कार की चेतावनी

भारतीय फिल्म जगत के सुपरस्टार और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मालिक शाहरुख खान एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार विवाद उनकी किसी फिल्म को लेकर नहीं, बल्कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की उनकी टीम में एक बांग्लादेशी खिलाड़ी के शामिल होने को लेकर खड़ा हुआ है। प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने इस मुद्दे पर शाहरुख खान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब केकेआर ने आईपीएल नीलामी में बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को अपनी टीम का हिस्सा बनाया। देवकीनंदन ठाकुर ने इस फैसले को भारत विरोधी और संवेदनहीन करार देते हुए शाहरुख खान को चेतावनी दी है कि यदि खिलाड़ी को बाहर नहीं निकाला गया, तो देशव्यापी बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। इस बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर गलियारों तक बहस छिड़ गई है कि क्या खेल को कूटनीति और पड़ोसी देशों के हालातों से जोड़कर देखा जाना चाहिए।

विवाद की पृष्ठभूमि और मुस्तफिजुर रहमान की नीलामी

आईपीएल के आगामी सीजन के लिए हुई नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपनी गेंदबाजी इकाई को मजबूत करने के उद्देश्य से बांग्लादेशी अनुभवी तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान पर दांव लगाया। मुस्तफिजुर, जो अपनी सटीक कटर गेंदों के लिए ‘फिज़’ के नाम से मशहूर हैं, उन्हें केकेआर ने 9 करोड़ 20 लाख रुपये की बड़ी रकम में खरीदा। क्रिकेट के नजरिए से यह केकेआर के लिए एक रणनीतिक जीत मानी जा रही थी, लेकिन जैसे ही यह खबर सार्वजनिक हुई, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की ओर से विरोध के स्वर उठने लगे। विरोध का मुख्य कारण बांग्लादेश में मौजूदा समय में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हो रही कथित हिंसा और वहां के राजनीतिक अस्थिरता को बताया जा रहा है। आलोचकों का तर्क है कि जब पड़ोसी देश में भारतीय हितों और समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है, तो वहां के खिलाड़ियों को भारत में करोड़ों रुपये देना अनुचित है।

देवकीनंदन ठाकुर का तीखा हमला और ‘हीरो से जीरो’ की चेतावनी

मुंबई में एक धार्मिक आयोजन के दौरान अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सीधे तौर पर शाहरुख खान का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला। उन्होंने पड़ोसी देश में एक 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हिंसा का जिक्र करते हुए भावनात्मक अपील की। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “हमने पहले ही कहा था कि बांग्लादेश का कोई भी क्रिकेटर हिंदुस्तान की सरजमीं पर नहीं आना चाहिए। इसके बावजूद एक खिलाड़ी को करोड़ों में खरीदा गया है।” उन्होंने शाहरुख खान की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग खुद को देश का हीरो मानते हैं, उन्हें देश की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

कथावाचक ने अपने संबोधन में अत्यंत कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा, “मिस्टर केकेआर, यह मत भूलना कि इन्हीं हिंदुस्तानियों ने तुम्हें आज इस मुकाम पर पहुँचाया है। जो जनता तुम्हें हीरो बना सकती है, वही तुम्हें जीरो बनाने की ताकत भी रखती है।” उन्होंने मुस्तफिजुर रहमान को टीम से तुरंत बाहर करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वे और उनके अनुयायी केकेआर की टीम और शाहरुख खान के ब्रांड का पूर्ण बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।

आर्थिक पक्ष और सुरक्षा संबंधी चिंताएं

देवकीनंदन ठाकुर ने अपने बयान में आर्थिक पहलू पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सवाल किया कि एक बांग्लादेशी खिलाड़ी को दी जाने वाली 9 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि अंततः कहाँ जाएगी और उसका उपयोग किस प्रकार होगा? उन्होंने आशंका व्यक्त की कि भारत से जाने वाला यह पैसा अप्रत्यक्ष रूप से उन ताकतों को मजबूत कर सकता है जो भारत और हिंदुओं के खिलाफ काम कर रही हैं। कथावाचक ने इसे केवल खेल का मामला न मानकर राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मसम्मान का मुद्दा बताया। उन्होंने तर्क दिया कि जब सीमा पार से तनाव की खबरें आती हैं और वहां के नागरिकों का व्यवहार भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रहता है, तो ऐसे में व्यावसायिक संबंधों को प्राथमिकता देना गलत है। उनके इस तर्क ने उन लोगों के बीच भी चर्चा छेड़ दी है जो खेलों में विदेशी निवेश और खिलाड़ियों की भागीदारी को केवल मनोरंजन के नजरिए से देखते हैं।

सोशल मीडिया पर बंटी राय और खेल भावना की बहस

देवकीनंदन ठाकुर का वीडियो वायरल होते ही डिजिटल दुनिया दो गुटों में बंट गई है। ट्विटर (अब एक्स) और फेसबुक पर ‘Boycott KKR’ और ‘Support Devkinandan Thakur’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। समर्थकों का कहना है कि मनोरंजन और खेल देश की भावनाओं से ऊपर नहीं हो सकते। कई यूजर्स ने लिखा कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों के टूटने की तरह ही बांग्लादेश के साथ भी सख्त रुख अपनाना चाहिए। दूसरी ओर, क्रिकेट प्रेमियों और शाहरुख खान के प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग इसे खेल भावना (Sportsmanship) के खिलाफ बता रहा है। उनका तर्क है कि मुस्तफिजुर रहमान एक पेशेवर खिलाड़ी हैं और उनका किसी राजनीतिक या धार्मिक हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। खेल को राजनीति की बलि चढ़ाना गलत है। कुछ लोगों ने यह भी याद दिलाया कि आईपीएल एक ग्लोबल लीग है और इसमें प्रतिभा को राष्ट्रीयता के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

शाहरुख खान और केकेआर प्रबंधन की चुप्पी

इस पूरे विवाद पर अब तक शाहरुख खान या कोलकाता नाइट राइडर्स की फ्रेंचाइजी की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण या बयान सामने नहीं आया है। शाहरुख खान आमतौर पर ऐसे विवादों पर अपनी चुप्पी बनाए रखते हैं, लेकिन देवकीनंदन ठाकुर जैसे प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा सीधे तौर पर निशाना साधे जाने के बाद दबाव बढ़ता जा रहा है। मुस्तफिजुर रहमान की ओर से भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खेल जगत के जानकारों का मानना है कि आईपीएल के नियमों के तहत नीलामी में खरीदे गए खिलाड़ी को बिना किसी ठोस तकनीकी या अनुशासनात्मक कारण के टीम से बाहर करना कानूनी रूप से जटिल हो सकता है। हालांकि, जनभावनाओं को देखते हुए केकेआर प्रबंधन इस मामले को सुलझाने के लिए बीच का रास्ता तलाश सकता है।

खेल और कूटनीति के बीच का धुंधला क्षेत्र

यह पहली बार नहीं है जब किसी विदेशी खिलाड़ी की आईपीएल में भागीदारी पर विवाद हुआ है। इससे पहले पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भी राजनीतिक तनाव के चलते आईपीएल से दूर कर दिया गया था। अब बांग्लादेश के साथ बदलते समीकरणों के बीच यह मांग उठना कि उनके खिलाड़ियों को भी प्रतिबंधित किया जाए, भारत की भावी खेल कूटनीति के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीसीसीआई (BCCI) इस मामले में हस्तक्षेप करता है या फिर यह विवाद ठंडे बस्ते में चला जाता है। फिलहाल, देवकीनंदन ठाकुर के कड़े रुख ने आईपीएल के अगले सीजन से पहले शाहरुख खान के लिए एक नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *