ट्रंप की भूल: अल्बानिया को आर्मेनिया समझ लिया! दुनिया हंस रही
3 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप फिर भौगोलिक चूक की वजह से चर्चा में। एक सभा में दावा किया कि उन्होंने ‘अजरबैजान-अल्बानिया’ युद्ध खत्म कराया। हकीकत? अजरबैजान का विवाद आर्मेनिया से था, अल्बानिया से नहीं। यूरोपीय नेता ठहाके मार रहे—अल्बानिया के पीएम एदी रामा ने फ्रांस के मैक्रों पर तंज कसा। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने ट्रंप की ज्योग्राफिकल नॉलेज की पोल खोल दी। 2,000 किमी दूर के देशों को एक समझने की भूल ने नोबेल की बात को मजाक बना दिया। आखिर अल्बानिया और आर्मेनिया में क्या फर्क? इस गफलत की कहानी खोलते हैं।
ट्रंप का दावा: काल्पनिक युद्ध का ‘शांति’ समझौता
ट्रंप ने सभाओं में कहा कि उन्होंने सात युद्ध खत्म किए, जिनमें ‘अजरबैजान-अल्बानिया’ का 34 साल पुराना विवाद शामिल। व्हाइट हाउस में दोनों देशों के नेता आए, शांति बनी। लेकिन यह दूसरी बार हुआ—पहले फॉक्स न्यूज पर ‘अल्बानिया’, फिर ब्रिटिश पीएम के साथ ‘अबरबैजान’। असल में, अगस्त 2025 में ट्रंप ने आर्मेनिया के पीएम निकोल पाशिनियन और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के बीच नागोर्नो-कराबाख पर समझौता कराया, जिसे नोबेल पीस प्राइज के लिए प्रचारित किया। नामों की गलती ने इसे हंसी का पात्र बना दिया। एक्स पर यूजर्स बोले, “ट्रंप ने काल्पनिक युद्ध जीता।”
यूरोपीय ठहाके: कोपेनहेगन में रामा का व्यंग्य
2 अक्टूबर को कोपेनहेगन में यूरोपीय पॉलिटिकल कम्युनिटी समिट में अल्बानिया के पीएम एदी रामा ने मजाक उड़ाया: “मैक्रों, आपने ‘अल्बानिया-अजरबैजान’ समझौते की बधाई क्यों नहीं दी?” अलीयेव हंसे, मैक्रों ने गलती मानी। वायरल वीडियो में यूजर्स ने ट्रंप को ‘भूगोल में फेल’ कहा। एक पोस्ट: “ट्रंप ने आर्मेनिया का नाम अल्बानिया रख दिया।” यह ट्रंप की पुरानी आदत—2023 में हंगरी को तुर्की कह चुके। ग्लोबल लीडर्स ने तंज कसा कि भू-राजनीति में ऐसी चूक खतरनाक। सोशल मीडिया पर बहस: क्या ग्लोबल लीडर को बेसिक भूगोल नहीं आना चाहिए?
अल्बानिया vs आर्मेनिया: 2,000 किमी का भूगोल भ्रम
अल्बानिया यूरोप के बाल्कन में है—राजधानी तिराना, क्षेत्रफल 28,748 वर्ग किमी, जनसंख्या 28 लाख। पड़ोसी: मोंटेनेग्रो, कोसोवो, मैसेडोनिया, ग्रीस। एड्रियाटिक सागर से घिरा, नाटो सदस्य। अजरबैजान से कोई विवाद नहीं। आर्मेनिया काकेशस में, एशिया-यूरोप सीमा पर—राजधानी येरेवन, क्षेत्रफल 29,743 वर्ग किमी। पड़ोसी: जॉर्जिया, अजरबैजान, तुर्की, ईरान। नागोर्नो-कराबाख पर अजरबैजान से 1988-94, 2020 में युद्ध। ट्रंप का ‘अल्बानिया’ कहना 2,000 किमी की भूल। अल्बानिया मुस्लिम-ईसाई मिश्रित, आर्मेनिया प्राचीन ईसाई। यह भूल ट्रंप की विश्वसनीयता पर बट्टा लगा रही।
लीडरशिप पर सवाल: मजाक या गंभीर चूक?
ट्रंप की यह गलती हंसी का पात्र बनी, लेकिन ग्लोबल लीडरशिप पर गंभीर सवाल उठाती है। आर्मेनिया-अजरबैजान विवाद ने लाखों जिंदगियां प्रभावित कीं, पर नाम भूलने से अमेरिका की साख पर चोट। व्हाइट हाउस ने दावा किया, “ट्रंप ने वैश्विक शांति के लिए सबसे ज्यादा किया।” लेकिन एक्स पर तंज: “ट्रंप आर्मेनिया को अल्बानिया समझते हैं, दुनिया को अमेरिका।” क्या यह नोबेल प्राइज की जगह शर्मिंदगी का प्रतीक? भू-राजनीति में तथ्यों की अहमियत पर बहस छिड़ी। ट्रंप की यह चूक साबित करती है—नेतृत्व में भूगोल की बुनियादी समझ जरूरी है।