ओडिशा पर मंडराया खतरा: बंगाल की खाड़ी में गहरा दबाव, भारी बारिश की चेतावनी
भुवनेश्वर, 2 अक्टूबर 2025: ओडिशा के तटों पर बादल छाए हुए हैं, जहां बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने राज्य को तरबतर कर दिया है, और मौसम विभाग की चेतावनी ने हलचल मचा दी। क्या यह चक्रवाती तूफान का संकेत है? तटीय इलाकों में हवाओं की गति बढ़ रही है, जबकि सरकार ने संवेदनशील जिलों में राहत तैयारियां तेज कर दी हैं। मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। इस प्रणाली के पीछे की पूरी ताकत और इसके असर क्या होंगे? बारिश की बाढ़ से कैसे निपटा जाएगा? यह कहानी प्रकृति की मार और मानव तैयारी की जंग को उजागर करती है। आगे जानिए विवरण।
गहरा दबाव का उदय और तटीय चेतावनी
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बुधवार रात बने कम दबाव का क्षेत्र अब गहरे दबाव में बदल चुका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह प्रणाली 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा तट की ओर बढ़ रही है। बृहस्पतिवार सुबह 5:30 बजे यह गोपालपुर से 190 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, कलिंगपट्टनम से 190 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, पुरी से 230 किमी दक्षिण, विशाखापट्टनम से 250 किमी पूर्व और पारादीप से 310 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में केंद्रित थी। विशेषज्ञों का कहना है कि गहरा दबाव चक्रवाती तूफान का पूर्वसंकेत है, जो भारी वर्षा और तेज हवाओं को जन्म देता है। राज्य सरकार ने सभी 30 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है, खासकर तटीय और दक्षिणी क्षेत्रों में जहां बुधवार से ही भारी बारिश जारी है।
भारी बारिश का अनुमान और अलर्ट लेवल
आईएमडी ने बृहस्पतिवार को पूरे ओडिशा के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी है। पुरी और जगतसिंहपुर में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां अत्यधिक वर्षा के साथ बिजली चमकने और 40-50 किमी/घंटे की हवाओं का खतरा है। 14 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट (7-20 सें.मी. बारिश) और शेष 14 के लिए येलो अलर्ट (7-11 सें.मी. बारिश) है। यह प्रणाली 2 अक्टूबर की रात तक ओडिशा को पार कर गोपालपुर और पारादीप तटों पर पहुंच सकती है। मध्य बंगाल की खाड़ी में 1 अक्टूबर से 40-50 किमी/घंटे की तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है, जो 2 अक्टूबर दोपहर से 3 अक्टूबर सुबह तक 55-65 किमी/घंटे, गुस्तिंग 75 किमी/घंटे तक पहुंच जाएंगी। इसके प्रभाव से बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की आशंका बढ़ गई है।
मछुआरों और बंदरगाहों के लिए विशेष सलाह
मछुआरों को 3 अक्टूबर तक ओडिशा तट के पास समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। आईएमडी ने सभी बंदरगाहों पर ‘स्थानीय चेतावनी संकेत संख्या-तीन’ (एलसी-3) लगाने का सुझाव दिया है। उत्तरी बंगाल की खाड़ी में हवाओं की रफ्तार बढ़ने से मछली पकड़ने वाले जोखिम में हैं। राज्य के तटीय गांवों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि जानमाल का नुकसान न हो। विशेषज्ञों ने चेताया कि यह प्रणाली पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी को प्रभावित करेगी, जहां हवाएं और तेज हो सकती हैं। मछुआरा समुदाय ने अलर्ट का पालन शुरू कर दिया है, लेकिन आर्थिक नुकसान की चिंता बरकरार है।
सरकारी तैयारी और भविष्य का अनुमान
ओडिशा सरकार ने संवेदनशील जिलों में कर्मियों और मशीनरी को तैनात कर दिया है। सभी जिला कलेक्टरों को जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष राहत केंद्र खोले गए हैं, और दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच त्योहार प्रभावित हो सकता है। आईएमडी के अनुसार, बारिश 5 अक्टूबर तक जारी रह सकती है, जिससे मानसून समाप्ति के बाद भी राहत का दबाव बना रहेगा। यह घटना जलवायु परिवर्तन के संकेत देती है, जहां ऐसे दबाव क्षेत्र अधिक तीव्र हो रहे हैं। क्या राज्य की तैयारी पर्याप्त साबित होगी? आने वाले दिनों में स्थिति पर नजर बनी रहेगी।
