एएमयू कैंपस में दुस्साहसिक वारदात: नकाबपोश शूटरों ने कंप्यूटर शिक्षक राव दानिश अली की गोली मारकर की हत्या, सरेराह कनपटी पर पिस्टल सटाकर दी मौत
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का शांत परिसर बुधवार की रात गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। विश्वविद्यालय के एबीके बॉयज स्कूल में कार्यरत 45 वर्षीय कंप्यूटर शिक्षक राव दानिश अली की नकाबपोश बदमाशों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब वे अपने साथियों के साथ टहल रहे थे। हमलावरों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने वारदात को अंजाम देने से ठीक पहले शिक्षक को ललकारा और उनकी पहचान को लेकर एक चौंकाने वाली टिप्पणी की। इस हत्याकांड ने न केवल एएमयू प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पूरे अलीगढ़ में सनसनी फैला दी है।
राव दानिश अली का परिवार एएमयू से गहरा नाता रखता है और उनका राजनीतिक रसूख भी काफी बड़ा है। उनके ससुर मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहम्मद उल्लाह चौधरी रहे हैं। पुलिस अब इस हाई-प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझाने में जुटी है, क्योंकि परिवार ने किसी भी पुरानी रंजिश से फिलहाल इनकार किया है।
‘अब तो मुझे पहचानोगे मैं कौन हूं’—शूटर की आखिरी चुनौती और मौत का तांडव
बुधवार रात करीब 8:45 बजे का समय था। राव दानिश अली रोजाना की तरह एएमयू कैंपस में टहलने निकले थे। उनके साथ एएमयू के ही एक अन्य शिक्षक इमरान और स्थानीय व्यवसायी गोलू भी थे। ये तीनों लाइब्रेरी से केनेडी हॉल के बीच वाले रास्ते पर कैंटीन की ओर बढ़ रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टहलते समय इमरान और गोलू कुछ कदम आगे निकल गए थे, जबकि दानिश उनसे थोड़ा पीछे थे।
तभी अचानक स्कूटी पर सवार दो नकाबपोश बदमाश वहां पहुंचे। शूटर ने दानिश के पीछे से आकर बेहद करीब से उनकी कनपटी पर पिस्टल सटा दी। चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि गोली चलाने से ठीक पहले हमलावर ने चिल्लाकर कहा, “राव दानिश अली… अब तो मुझे पहचानोगे मैं कौन हूं?” इसके बाद शूटर ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए ट्रिगर दबा दिया। पहली गोली लगते ही दानिश लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े।
कैंपस में दहशत: 10 राउंड फायरिंग कर फरार हुए बदमाश
हमलावरों का इरादा केवल घायल करना नहीं, बल्कि जान लेना था। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को जानकारी दी कि बदमाशों ने करीब 10 राउंड फायरिंग की। फायरिंग की आवाज सुनते ही दानिश के दोनों साथी इमरान और गोलू जान बचाकर दौड़े और शोर मचाया। एएमयू के सुरक्षाकर्मी भी मौके की ओर भागे, लेकिन तब तक स्कूटी सवार शूटर अंधेरे का फायदा उठाकर रफूचक्कर हो चुके थे।
आनन-फानन में घायल दानिश अली को एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां डॉक्टरों की एक टीम ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कनपटी पर लगी गोली जानलेवा साबित हुई और कुछ ही देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत की खबर मिलते ही मेडिकल कॉलेज में समर्थकों, परिजनों और एएमयू के शिक्षकों की भारी भीड़ जमा हो गई।
एएमयू से रहा है पीढ़ियों का नाता, ससुर रहे हैं विधायक
राव दानिश अली मूल रूप से बुलंदशहर के डिबाई क्षेत्र के रहने वाले थे, लेकिन उनका परिवार दशकों से अलीगढ़ के अमीर निशा स्थित ‘मक्खन वाली कोठी’ के पास रह रहा है। दानिश का पूरा परिवार शिक्षा और एएमयू से जुड़ा हुआ है। उनकी माता एएमयू में शिक्षक रही हैं और पिता विश्वविद्यालय के कर्मचारी थे। दानिश ने खुद एएमयू से शिक्षा प्राप्त की और वर्तमान में वह एबीके बॉयज स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक के पद पर तैनात थे। उनके भाई भी एएमयू के इंजीनियरिंग विभाग में शिक्षक हैं।
राजनीतिक रसूख की बात करें तो दानिश का विवाह मुरादाबाद के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद उल्लाह चौधरी की बेटी से हुआ था। इस पारिवारिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि के कारण दानिश का शहर और विश्वविद्यालय दोनों ही जगह काफी सम्मान था। परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।
छात्र राजनीति और प्रॉपर्टी विवाद के कोण से जांच शुरू
एसएसपी नीरज जादौन और पुलिस की कई टीमें घटनास्थल और मेडिकल कॉलेज में डेरा डाले हुए हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि अपनी पढ़ाई के दौरान दानिश अली एएमयू की छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे थे। इसके अलावा, पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि वह छोटे स्तर पर प्रॉपर्टी के कारोबार से भी जुड़े हुए थे।
पुलिस का मानना है कि शूटर द्वारा कही गई बात—’अब तो मुझे पहचानोगे’—इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हमलावर दानिश का कोई पुराना परिचित था और किसी पुराने विवाद या रंजिश का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। हालांकि, परिजनों का कहना है कि दानिश पिछले कुछ समय से केवल अपने परिवार और स्कूल तक ही सीमित थे और उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल: हाईटेक इंतजामों के बाद भी कैंपस असुरक्षित?
इस हत्याकांड ने एएमयू की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठा दिए हैं। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही हाईकोर्ट ने एएमयू परिसर में बाहरी तत्वों और अपराधियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सख्त टिप्पणी की थी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा चाक-चौबंद करने और सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाने का दावा किया था।
बावजूद इसके, रात के समय नकाबपोश बदमाशों का हथियारों के साथ कैंपस के मध्य भाग (लाइब्रेरी परिसर) तक पहुंच जाना और हत्या करके आसानी से निकल जाना सुरक्षा में बड़ी सेंध माना जा रहा है। एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली और कुलपति नईमा खातून ने भी घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस से जल्द कार्रवाई की मांग की। पिछले कुछ वर्षों में कैंपस में हुई हिंसक घटनाओं की सूची में अब यह एक और काला अध्याय जुड़ गया है।
उमरा पर जाने की थी तैयारी, घर में मचा कोहराम
राव दानिश अली के घर में इन दिनों खुशियों का माहौल था और वे धार्मिक यात्रा ‘उमरा’ पर जाने की तैयारी कर रहे थे। परिजनों ने बताया कि उन्होंने इसके लिए बुकिंग भी करा ली थी और जल्द ही वे सऊदी अरब के लिए रवाना होने वाले थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। देर रात तक मेडिकल कॉलेज में उनके सहयोगियों और शहर के गणमान्य लोगों का जमावड़ा लगा रहा। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि उस स्कूटी और हमलावरों के भागने के रास्ते की पहचान की जा सके।
पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसओजी (SOG), सर्विलांस और फील्ड यूनिट की टीमों को तैनात कर दिया है। एसएसपी ने आश्वासन दिया है कि अपराधी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। शहर के संवेदनशील माहौल को देखते हुए एएमयू कैंपस और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।