जिला मे नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण एवं अनुश्रवण कराने का निर्देश

पश्चिमी चंपारण जिला के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय द्वारा आज समाहरणालय सभाकक्ष में समेकित बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि नियमित रूप से नियत समय पर आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जाय। बच्चों तथा महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिलने वाले सभी लाभों से ससमय आच्छादित करना सुनिश्चित किया जाय। पारदर्शी तरीके से गुणवतापूर्ण टेक होम राशन ससमय लाभुकों को मिले, इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।
सभी सीडीपीओ एवं एलएस क्षेत्रान्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित रूप से संचालन कराना सुनिश्चित करेंगी तथा लगातार निरीक्षण एवं अनुश्रवण करेंगी। डीपीओ, आइसीडीएस रेंडमली आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण करेंगी एवं अनुश्रवण करेंगी। इसके साथ ही आंगनाड़ी एप के माध्यम से निरीक्षण, आधार अपडेशन, कन्या उत्थान योजना से संबंधित आवेदनों का ससमय नियमानुकूल तरीके से निष्पादन कराना सुनिश्चित करेंगी।
उन्होंने कहा कि कार्यों का ससमय निष्पादन नहीं करने तथा विभागीय/वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन नहीं करने वाले सीडीपीओ, एलएस, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के विरूद्ध नियमानुकूल कार्रवाई निश्चित है।
समीक्षा के क्रम में डीपीओ, आइसीडीएस द्वारा बताया गया कि वितीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत अबतक 54 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर लिया गया है शेष उपलब्धि अविलंब हासिल कर ली जायेगी। पोषण ट्रैक्टर एप्लिकेशन के माध्यम से मॉनिटरिंग की जा रही है। 96.69 प्रतिशत होम विजिट करा लिया गया है। 84 प्रतिशत कम्युनिटी बेस्ड इवेंट कराया गया है। 95 प्रतिशत लाभुकों का आधार वेरिफाई करा लिया गया है, शेष का अविलंब करा लिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में सामान्य आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3738 सेविका तथा 3617 सहायिका कार्यरत हैं। वहीं मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में 243 सेविका कार्यरत है। इसी क्रम में कुछ सीडीपीओ द्वारा बताया गया कि क्षेत्रान्तर्गत कुछ केन्द्रों पर चापाकल खराब है अथवा नहीं है। कुछ केन्द्र आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पूर्व में ही कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को निर्देश दिया गया है कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में चापाकल खराब है अथवा नहीं है, वहां चापाकल की व्यवस्था अविलंब करायें ताकि लाभुकों को पेयजल के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने डीपीओ, आइसीडीएस को निर्देश दिया कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त केन्द्रों की मरम्मति अविलंब करायी जाय।
