• December 25, 2025

योगी कैबिनेट का महाफैसला: ₹15,189 करोड़ के निवेश को मंजूरी और काशी-विंध्य क्षेत्र का गठन, बदल जाएगी यूपी की सूरत

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोकभवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक, शैक्षिक और बुनियादी ढांचे को मजबूती देने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने प्रदेश में 15,189.7 करोड़ के भारी-भरकम निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही, राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) की तर्ज पर ‘काशी-विंध्य क्षेत्र’ (KVR) के गठन और दो नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना जैसे कुल 30 से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि इन फैसलों से यूपी निवेश के ‘ग्लोबल हब’ के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा।

औद्योगिक क्रांति: 12 बड़ी इकाइयों को ‘लेटर ऑफ कंफर्ट’ और ₹15,000 करोड़ का निवेश

कैबिनेट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में मेगा एवं सुपर मेगा श्रेणी की 12 औद्योगिक इकाइयों को जल्द ‘लेटर ऑफ कंफर्ट’ (सहमति पत्र) जारी करने का निर्णय लिया है। इन परियोजनाओं से हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। निवेश के मुख्य आकर्षणों में मेरठ में एनएसएल रिन्यूएबल पॉवर द्वारा ₹4,499.51 करोड़ की लागत से बनने वाला ‘सोलर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग पार्क’ शामिल है। इसके अलावा मिर्जापुर में अर्थस्टार वेंचर्स द्वारा ₹549.26 करोड़ का आयरन एवं स्टील प्लांट, बुलंदशहर में अपोलो कोटेड प्रोडक्ट्स की कोल्ड रोलिंग मिल, और हरदोई में हल्दीराम स्नैक्स का नया प्लांट स्थापित होगा।

ग्रेटर नोएडा में ड्रीमटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ₹414.88 करोड़ से प्रिंटेड सर्किट बोर्ड प्लांट लगाएगी, जबकि सोनभद्र में एसीसी लिमिटेड ₹803 करोड़ की लागत से सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट की स्थापना करेगी। मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में भी स्टील और सीमेंट उत्पादन की इकाइयों को मंजूरी दी गई है। औद्योगिक मंत्री ने जोर देकर कहा कि हर उद्यमी यूपी का मित्र है और इन निवेशों को धरातल पर उतारना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

काशी-विंध्य क्षेत्र (KVR) का गठन: पूर्वांचल के सात जिलों का होगा एकीकृत विकास

सरकार ने वाराणसी और विंध्याचल मंडल के सात प्रमुख जिलों—वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र—को मिलाकर ‘काशी-विंध्य क्षेत्र’ (KVR) बनाने का बड़ा फैसला किया है। 23,815 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र को एक विशेष आर्थिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। नीति आयोग के सुझावों पर आधारित इस पहल का उद्देश्य लगभग दो करोड़ की आबादी को गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाएं और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस प्राधिकरण के गठन से क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी और निवेश के लिए एक सुनियोजित ढांचा तैयार होगा।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग: भदोही और शाहजहाँपुर को मिले नए विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए कैबिनेट ने दो नए राज्य विश्वविद्यालयों के संचालन को मंजूरी दी है। भदोही के काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को अब ‘काशी नरेश विश्वविद्यालय’ के रूप में उन्नत किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि नए शैक्षिक सत्र 2026-27 से यहां प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। विश्वविद्यालय के लिए 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि ली जाएगी और वर्तमान शिक्षकों व कर्मचारियों को विश्वविद्यालय संवर्ग में शामिल होने का विकल्प मिलेगा। वहीं, शाहजहाँपुर में मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट के सहयोग से ‘स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय’ की स्थापना होगी, जिसके लिए ट्रस्ट अपनी पूरी चल-अचल संपत्ति सरकार को नि:शुल्क सौंपेगा।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: ₹3500 करोड़ का अतिरिक्त बजट प्रावधान

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने ₹3,500 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया है। इसमें से ₹2,000 करोड़ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) को दिए गए हैं, जिससे प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का कायाकल्प किया जाएगा। आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए क्रमशः ₹1,200 करोड़ और ₹300 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इस राशि से सूचीबद्ध अस्पतालों के लंबित चिकित्सा दावों का भुगतान सुनिश्चित होगा, जिससे मरीजों को बिना किसी बाधा के उपचार मिलता रहेगा।

बुनियादी ढांचे को मजबूती: भदोही और प्रयागराज में नए हाई-टेक सेतु

यातायात को सुगम बनाने के लिए कैबिनेट ने दो बड़े सेतु परियोजनाओं को मंजूरी दी है। भदोही में गंगा नदी पर माता सीता समाहित स्थल (सीतामढ़ी) के पास ₹320 करोड़ की लागत से एक दीर्घ सेतु का निर्माण होगा। यह पुल भदोही को सीधे प्रयागराज से जोड़ेगा और मध्य प्रदेश व बिहार की दूरी करीब 100 किमी कम कर देगा। इसी तरह, प्रयागराज में सलोरी-हेतापट्टी-झूंसी मार्ग को जोड़ने के लिए ₹953 करोड़ की लागत से फोर-लेन पुल का निर्माण किया जाएगा। यह पुल विशेष रूप से महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और शास्त्री सेतु पर यातायात का भार कम करने में सहायक होगा।

घर खरीदने वालों को बड़ी राहत: नीलामी के बिना सीधी खरीद और 25% तक की छूट

विकास प्राधिकरणों (जैसे LDA, PDA) और आवास विकास परिषद की खाली पड़ी संपत्तियों को बेचने के लिए सरकार ‘आदर्श कास्टिंग गाइडलाइन-2025’ लेकर आई है। अब ऐसी संपत्तियों को खरीदने के लिए नीलामी का इंतजार नहीं करना होगा। खरीदार सीधे संपत्तियां खरीद सकेंगे और उन्हें बढ़ी हुई कीमतों पर 25 प्रतिशत तक की भारी छूट मिलेगी। इसके अलावा, यदि कोई खरीदार 45 दिनों के भीतर पूरा भुगतान करता है, तो उसे 6% की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। ब्याज दरों को भी तर्कसंगत बनाते हुए एसबीआई के एमसीएलआर (MCLR) पर आधारित कर दिया गया है, जिससे घरों की कीमतें काफी कम हो जाएंगी।

नागरिक सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा: सभी 75 जिलों में तैनात होंगे उप-नियंत्रक

हाल के सुरक्षा घटनाक्रमों को देखते हुए कैबिनेट ने ‘नागरिक सुरक्षा संगठन’ को मजबूत करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश के सभी 75 जिलों में नागरिक सुरक्षा के ‘उपनियंत्रक’ के पदों पर विभागीय अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। पहले यह व्यवस्था केवल 26 जिलों में थी। इसके लिए 60 नए पद सृजित किए गए हैं। इसके साथ ही, कामकाजी महिलाओं के लिए लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में 8 नए छात्रावास बनाए जाएंगे, जिसके लिए संबंधित प्राधिकरण ₹1 प्रति वर्ष की लीज पर जमीन उपलब्ध कराएंगे।

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय: आंगनबाड़ी पोषाहार और न्यायिक अधिकारियों के भत्ते

सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए ‘रेसिपी आधारित पोषाहार’ योजना को मंजूरी दी है, जिसे ग्रामीण आजीविका मिशन की इकाइयों द्वारा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों का घरेलू सेवक भत्ता बढ़ाकर ₹45,000 से ₹50,000 और टेलीफोन भत्ता ₹15,000 प्रतिमाह कर दिया गया है। गोरखपुर के कैंपियरगंज में 50 हेक्टेयर भूमि पर ‘उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय’ के निर्माण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है, जो क्षेत्र में वन्यजीव सुरक्षा और कृषि शिक्षा को नई दिशा देगा।

योगी कैबिनेट के ये फैसले स्पष्ट करते हैं कि सरकार का विजन केवल औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य, नागरिक सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के संतुलित विकास के माध्यम से उत्तर प्रदेश को एक ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने की दिशा में अग्रसर है।

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