पाकिस्तान का ‘तेल भंडार’ मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा क्यों? ट्रंप का दावा और हकीकत की जंग
लखनऊ/ 1 अगस्त : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई 2025 को एक सनसनीखेज दावा किया कि पाकिस्तान के पास ‘विशाल तेल भंडार’ हैं, जिन्हें अमेरिका के साथ मिलकर विकसित किया जाएगा। ट्रंप ने तो यह तक कह दिया कि शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे। लेकिन यह दावा ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ जैसा क्यों लगता है? पाकिस्तान की जनता और विशेषज्ञ इसे हवा-हवाई क्यों बता रहे हैं? आइए, इस दावे की सच्चाई और इसके पीछे की हकीकत को समझते हैं।
ट्रंप का दावा और पाकिस्तान की हकीकत
सूत्रों के मुताबिक ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “हमने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर विशाल तेल भंडार विकसित करेंगे।” इस बयान ने न केवल भारत में हलचल मचाई, बल्कि पाकिस्तान में भी लोगों ने इसका मजाक उड़ाया। X पर एक यूजर, हुसैन नदीम ने लिखा, “पाकिस्तान को ट्रंप के ट्वीट से पता चला कि हमारे पास तेल भंडार है। यह तो कॉमेडी है!”
पाकिस्तान के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं। आसमान छूती महंगाई, कर्ज का बोझ, और आतंकवाद की मार झेल रहे इस देश में तेल और गैस के भंडार की बात बार-बार सुर्खियों में आती रही है। लेकिन हर बार यह दावा हकीकत से ज्यादा सपना साबित हुआ है।
तेल भंडार की हकीकत
पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में तेल और गैस भंडार की खोज का दावा सबसे पहले सितंबर 2024 में पाकिस्तानी मीडिया हाउस ‘डॉन’ ने किया था। इस खोज के लिए एक मित्र देश के साथ तीन साल तक सर्वे किया गया, जिसके बाद दावा किया गया कि यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल और गैस भंडार हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञों ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं।
‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ क्यों?
‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ एक लोकप्रिय मुहावरा है, जो असंभव और हवा-हवाई ख्वाबों को दर्शाता है। पाकिस्तान के तेल भंडार का दावा इस मुहावरे से इसलिए मेल खाता है। ख़बरों की सुने तो पाकिस्तानी मीडिया और ट्रंप ने इसे ‘विशाल भंडार’ बताया, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसका आकार और रिकवरी रेट अभी अनिश्चित है। पूर्व ऊर्जा सलाहकार मोहम्मद अली ने कहा कि 235 TCF गैस भंडार का 10% निकालने में भी 25-30 अरब डॉलर और 10 साल से ज्यादा समय लगेगा। पाकिस्तान की आर्थिक तंगी और आतंकवाद जैसे मुद्दे विदेशी निवेश को जोखिम भरा बनाते हैं। बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा हालात इतने खराब हैं कि वहां ड्रिलिंग असंभव-सा है। अगर वाकई इतना बड़ा भंडार होता, तो पाकिस्तान का करीबी दोस्त चीन पहले निवेश क्यों नहीं करता?
पाकिस्तान के लोग खुद इस दावे का मजाक उड़ा रहे हैं। X पर शाहिदा कुरैशी ने लिखा, “यह तो सच में कॉमेडी शो है।”
ट्रंप का मकसद क्या?
ट्रंप का यह बयान भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। भारत पर 25% टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने यह दावा किया, जिसे कई लोग भू-राजनीतिक चाल मानते हैं। कब्रों के अनुसार X पर एक यूजर ने लिखा, “ट्रंप भारत को दबाव में लाकर कई सेक्टर्स में अमेरिका के लिए रास्ता खोलना चाहते हैं।” लेकिन बलूच नेता ने चेतावनी दी कि “पाकिस्तान में ऐसा कोई तेल भंडार है ही नहीं।”
भारत के लिए इसका मतलब
ट्रंप का दावा कि “पाकिस्तान एक दिन भारत को तेल बेचेगा” फिलहाल हास्यास्पद लगता है। भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% से ज्यादा आयात मध्य पूर्व और रूस से करता है। भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए तेल आयात की संभावना न के बराबर है। इंडियन ऑयल ने हाल ही में कहा कि देश में पेट्रोल, डीजल, और LPG का पर्याप्त भंडार है।
