• July 12, 2025

भोपाल के CM हाउस में क्यों नहीं रहता मोहन यादव का परिवार? CM ने बताई वजह

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का आलीशान CM हाउस भोपाल में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह हाउस, जो हर सुविधा से लैस है, फिर भी CM का परिवार वहां नहीं रहता। इस सवाल का जवाब खुद मोहन यादव ने दिया। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार को भोपाल की बजाय अपने गृह नगर उज्जैन में रखते हैं, ताकि उनके बच्चे सादगी भरा जीवन जी सकें और सुविधाओं की आदी न बनें। मोहन यादव ने कहा कि वह अपने बच्चों को अनुशासन और मेहनत की अहमियत सिखाना चाहते हैं। यह फैसला उनकी सादगी और मूल्यों को दर्शाता है। इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी चर्चा छेड़ दी है, जहां लोग उनकी इस सोच की तारीफ कर रहे हैं। यह मामला न केवल उनके निजी जीवन को उजागर करता है, बल्कि उनकी नेतृत्व शैली पर भी रोशनी डालता है।

मोहन यादव ने भोपाल के CM हाउस में न रहने की वजह साझा करते हुए कहा कि वह अपने परिवार को सादगी और अनुशासन का पाठ पढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि भोपाल का CM हाउस भले ही हर सुख-सुविधा से लैस हो, लेकिन वह अपने बच्चों को उज्जैन में सामान्य वातावरण में रखना पसंद करते हैं। मोहन यादव ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे मेहनत और मूल्यों की कद्र करें, न कि सुविधाओं के आदी बनें।” उनके इस फैसले ने लोगों का ध्यान खींचा है। उज्जैन में उनका परिवार उनके पैतृक घर में रहता है, जहां बच्चे सामान्य स्कूल में पढ़ते हैं। यह कदम उनकी सादगी और पारिवारिक मूल्यों को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर लोग इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण बता रहे हैं। यह निर्णय उनकी नेतृत्व शैली को भी रेखांकित करता है।


मोहन यादव का यह निर्णय सियासी और सामाजिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बना है। मध्य प्रदेश में जहां नेताओं के आलीशान जीवन की चर्चा आम है, वहां मोहन यादव की सादगी ने लोगों का दिल जीता है। उनके इस कदम को कई लोग राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी मान रहे हैं, क्योंकि यह उनकी छवि को जनता के बीच और मजबूत करता है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, “CM साहब का यह कदम दिखाता है कि वे आम लोगों से जुड़े हैं।” हालांकि, कुछ लोग इसे दिखावा मानते हैं। मोहन यादव ने पहले भी सादगी के उदाहरण पेश किए हैं, जैसे रास्ते में बच्चों को आम बांटना। यह निर्णय उनकी निजी और सियासी छवि को और मजबूत करता है, खासकर तब जब वह मध्य प्रदेश में कई सामाजिक योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।


मोहन यादव की नेतृत्व शैली में सादगी और सख्ती का अनोखा मिश्रण दिखता है। 2023 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्होंने कई मौकों पर अपनी सादगी और जवाबदेही को उजागर किया है। भोपाल के CM हाउस में परिवार को न रखने का उनका निर्णय उनकी सख्त अनुशासन वाली सोच को दर्शाता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, “जो जितना बड़ा बनता है, उसे उतनी ही सावधानी रखनी चाहिए।” यह सोच उनके प्रशासनिक फैसलों में भी झलकती है, जैसे अवैध गतिविधियों पर सख्ती और सामाजिक योजनाओं पर जोर। उनकी इस छवि ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उनकी सियासी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जो उन्हें आम जनता से जोड़ता है।

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Rama Niwash Pandey

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