यूपी: शिव मंदिर में मुर्गे का मांस फेंकने से मचा हड़कंप, पुलिस ने आरोपी जावेद को गिरफ्तार किया
मेरठ, 7 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक शिव मंदिर में मुर्गे के मांस के अवशेष मिलने से धार्मिक भावनाएं भड़क उठीं। जानी थाना क्षेत्र के बम्बा स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सुबह पूजा के दौरान यह घटना सामने आई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। स्थानीय लोगों ने इसे आस्था पर हमला बताते हुए विरोध जताया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मंदिर साफ करवाया और जांच में नशेड़ी जावेद को गिरफ्तार किया। लेकिन क्या यह नशे की दीवानगी थी या सौहार्द बिगाड़ने की साजिश? आरोपी का कबूलनामा और पुलिस की कार्रवाई क्या कहती है? आगे पढ़ें पूरी घटना की परतें।
मंदिर में मांस के अवशेष: सुबह की पूजा बनी हंगामे का सबब
सोमवार सुबह करीब 7 बजे मेरठ के जानी खुर्द गांव के बम्बा स्थित शिव मंदिर में भक्तों ने दर्शन के लिए पहुंचना शुरू किया। प्राचीन मंदिर, जो सदियों से हिंदू समुदाय का आस्था केंद्र है, आज फिर सुर्खियों में आ गया। पुजारी ने मंदिर प्रांगण साफ करते हुए मुर्गे के दोनों बाजू, पंख सहित बिखरे मिले। यह देखते ही भक्तों में सनसनी फैल गई। ‘हमारी आस्था को ठेस पहुंचाई गई,’ चिल्लाते हुए दर्जनों लोग इकट्ठा हो गए। कुछ ने मंदिर के बाहर धरना देना शुरू कर दिया, जबकि अन्य ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर गुस्सा जाहिर किया। इलाके के बुजुर्गों ने बताया कि मंदिर में कभी ऐसी घटना नहीं हुई, जो सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकती थी। स्थानीय व्यापारी राजेश कुमार ने कहा, ‘यह असामाजिक तत्वों की करतूत लगती है, जो भाईचारे को तोड़ना चाहते हैं।’ हड़कंप इतना था कि आसपास के गांवों से भी लोग पहुंचने लगे, लेकिन पुलिस की सतर्कता से मामला बिगड़ने से पहले संभल गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: आरोपी जावेद ने कबूल किया जुर्म
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी आशुतोष पांडे के नेतृत्व में जानी थाने की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने पहले मंदिर को घेराबंदी की और अवशेषों को सावधानी से हटवाया। सफाईकर्मियों ने डिटर्जेंट से प्रांगण धोया, जबकि वीडियोग्राफी कराई गई। आसपास के 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें एक बुजुर्ग ने जावेद नामक युवक पर शक जताया। जावेद, 28 वर्षीय स्थानीय निवासी, को थाने लाया गया। कई घंटों की सख्त पूछताछ में उसने कबूल किया कि रविवार रात नशे की हालत में उसने मुर्गे के अवशेष मंदिर में फेंक दिए। ‘मुझे कुछ याद नहीं, बस नशा चढ़ा था,’ उसने कहा। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली, जहां से शराब की बोतलें और ड्रग्स बरामद हुए। जावेद का आपराधिक इतिहास रहा है—पिछले साल चोरी का केस। थाने पर धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 299 (सार्वजनिक शांति भंग) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। गिरफ्तारी के बाद जावेद को कोर्ट में पेश किया गया।
नशे की लत से जुड़ी घटना: सौहार्द बचाने की पुलिस अपील
पुलिस जांच में साफ हुआ कि जावेद नशे का आदी है। उसके दोस्तों ने बताया कि वह रोजाना गांजा और शराब लेता है, जो उसके व्यवहार को असामान्य बनाता है। एसएसपी डॉ. वीके संधू ने कहा, ‘यह नशे की दीवानगी का नतीजा है, कोई साजिश नहीं। लेकिन हम सतर्क हैं।’ इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई। मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी निगरानी बढ़ाई गई। स्थानीय हिंदू-मुस्लिम नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर शांति की अपील की। जावेद के परिवार ने माफी मांगी, लेकिन भक्तों का गुस्सा बरकरार है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में नशे की लत ऐसी घटनाओं को जन्म दे रही है। पुलिस ने चेतावनी दी कि सौहार्द बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से बड़ा विवाद टल गया, लेकिन प्रशासन अब डी-एडिक्शन कैंप लगाने की योजना बना रहा है।
