ट्रंप का 9/11 पर पुराना दावा: ‘मैंने बिन लादेन पर चेतावनी दी थी, लेकिन क्रेडिट कोई नहीं देगा’
वाशिंगटन, 5 अक्टूबर 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेवी के 250वें स्थापना दिवस पर ओसामा बिन लादेन को निशाना बनाते हुए फिर पुराना दावा दोहराया। उन्होंने कहा कि 9/11 हमलों से एक साल पहले उन्होंने बिन लादेन के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन किसी ने सुनी नहीं। ट्रंप ने अफसोस जताया कि ‘क्रेडिट’ उन्हें नहीं मिलेगा। क्या यह दावा सच्चाई पर आधारित है? आइए, इस बयान की पूरी परतें खोलते हैं।
नॉरफोक स्पीच में बिन लादेन को याद किया: ‘सील्स ने गोली मारी’
वर्जीनिया के नॉरफोक में अमेरिकी नौसेना के 250वें वर्षगांठ समारोह के दौरान ट्रंप ने कहा, “इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि नेवी सील्स ने बिन लादेन के ठिकाने पर धावा बोलकर उसके सिर में गोली मारी। याद रखिएगा।” उन्होंने 2011 के ऑपरेशन को दोहराया, जब पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे बिन लादेन को अमेरिकी कमांडो ने मार गिराया था। ट्रंप ने जोर दिया कि यूएसएस कार्ल विंसन से शव को समुद्र में फेंका गया। यह बयान नेवी को श्रेय देने का था, लेकिन ट्रंप ने खुद को जोड़ लिया। समारोह में सैकड़ों नेवी पर्सनल मौजूद थे, और ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर भी निशाना साधा। यह स्पीच ट्रंप की पुरानी स्टाइल को दर्शाती है, जहां वे इतिहास को अपने पक्ष में मोड़ते हैं।
9/11 से एक साल पहले चेतावनी का दावा: ‘बुक में लिखा था, लेकिन नजर नहीं रखी’
ट्रंप ने दावा किया, “9/11 से ठीक एक साल पहले मैंने अपनी किताब में ओसामा बिन लादेन के बारे में लिखा था। मैंने कहा, ‘उस पर नजर रखो, मुझे वो पसंद नहीं आया।’ लेकिन उन्होंने नजर नहीं रखी। एक साल बाद उसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर उड़ा दिया। इसलिए मुझे थोड़ा श्रेय लेना चाहिए, क्योंकि कोई और तो देगा नहीं।” यह दावा उनकी 2000 में आई किताब ‘द अमेरिका वी डिजर्व’ पर आधारित है, जहां ट्रंप ने बिन लादेन को ‘पब्लिक एनेमी नंबर वन’ बताया और उसके कैंप पर हमले की सलाह दी। लेकिन फैक्ट-चेकर्स का कहना है कि यह ‘चेतावनी’ सरकारी स्तर की नहीं थी—बस एक बुक का पैसेज। ट्रंप ने कहा, “फेक न्यूज इसे तभी मानेंगे जब सच्च होगा।” यह दावा ट्रंप की पुरानी आदत है, जो 2019 में भी दोहराया गया था। अफसोस का इजहार करते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर सुनी जाती, तो 9/11 टल सकता था।
अफगानिस्तान पर तंज: ‘हम हर युद्ध आसानी से जीत सकते थे’
ट्रंप ने बराक ओबामा के कार्यकाल में बिन लादेन की मौत को याद करते हुए जो बाइडेन की अफगानिस्तान वापसी की आलोचना की। उन्होंने कहा, “अमेरिका अफगानिस्तान में आसानी से जीत जाता। हम हर युद्ध आसानी से जीत सकते थे।” ट्रंप ने तालिबान पर नरमी का आरोप लगाया, जो उनकी पुरानी लाइन है। यह बयान 2021 की अफगानिस्तान वापसी की याद दिलाता है, जब 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। ट्रंप का दर्द साफ था—’क्रेडिट’ न मिलने का। लेकिन आलोचक इसे ‘एक्सजेरेशन’ बता रहे हैं। क्या ट्रंप का यह दावा चुनावी रणनीति है? 2024 चुनावों के बाद भी यह चर्चा बनी हुई है।
