ट्रंप का BBC पर हमला: ‘बेईमान पत्रकारों’ के इस्तीफे की कहानी
10 नवंबर 2025, वॉशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन की प्रमुख मीडिया संस्था BBC पर तीखा हमला बोला है, कुछ पत्रकारों और अधिकारियों को ‘बेईमान’ करार देते हुए। यह विवाद BBC के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और न्यूज CEO डेबोरा टर्नेस के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ। इस्तीफों की वजह एक डॉक्युमेंट्री में ट्रंप के 2021 के भाषण को गलत तरीके से पेश करने का आरोप है। इसने BBC की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिससे ब्रिटेन और अमेरिका में बहस छिड़ गई है। ट्रंप ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया, जबकि BBC ने गलती स्वीकार की। आखिर क्या है इस विवाद की जड़? क्या BBC की साख पर असर पड़ेगा? और इस्तीफों के पीछे की कहानी क्या है? इस लेख में हम इस मामले की गहराई में जाएंगे, तथ्यों को सामने लाते हुए।
विवाद की शुरुआत: ट्रंप के भाषण का गलत चित्रण
2021 में कैपिटल हिल हिंसा से पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों से ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ की अपील की थी। BBC की एक डॉक्युमेंट्री पर आरोप है कि इस हिस्से को हटाकर भाषण को गलत संदर्भ में दिखाया गया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “BBC ने मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर मेरे खिलाफ झूठ फैलाया।” उनकी यह टिप्पणी तब आई जब ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने इस गलती को उजागर किया। आलोचकों का कहना है कि BBC ने जानबूझकर ट्रंप के संदेश का अर्थ बदला, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा। इसने न केवल BBC की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, बल्कि इसके वैश्विक प्रभाव पर भी चर्चा शुरू कर दी। ट्रंप ने इसे ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश’ बताया। इस विवाद ने BBC के पत्रकारीय मानकों पर गहरी चोट की और जनता में
भरोसा कम होने की आशंका बढ़ गई। 2. इस्तीफे और BBC की प्रतिक्रिया
विवाद के बाद BBC के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और न्यूज CEO डेबोरा टर्नेस ने इस्तीफा दे दिया। डेवी ने कहा, “कुछ गलतियां हुईं, और मुझे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।” टर्नेस ने भी संस्था को नुकसान से बचाने के लिए पद छोड़ा, लेकिन पक्षपात के आरोपों को खारिज किया। दोनों ने अपने बयानों में BBC की निष्पक्षता का बचाव किया, पर आलोचकों का कहना है कि यह कदम दबाव में उठाया गया। BBC, जो जनता के धन से चलती है, पर पहले भी पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। इस बार ट्रंप जैसे प्रभावशाली नेता की प्रतिक्रिया ने मामले को और गंभीर बना दिया। इस्तीफों को BBC के नेतृत्व की पारंपरिक जिम्मेदारी के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन क्या यह संस्था की साख बचाने के लिए काफी है? यह सवाल अभी भी बना हुआ है।
BBC की साख और भविष्य पर सवाल
103 साल पुरानी BBC को निष्पक्षता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में ट्रांसजेंडर मुद्दों और मध्य पूर्व की कवरेज में पक्षपात के आरोपों ने इसकी छवि को धक्का पहुंचाया। टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट ने BBC सलाहकार माइकल प्रिस्कॉट के हवाले से दावा किया कि संस्था की अरबी सेवा में इजरायल के खिलाफ झुकाव दिखा। ट्रंप का ताजा हमला इस बहस को और हवा दे रहा है। क्या BBC अपनी निष्पक्षता को फिर से साबित कर पाएगी? या यह विवाद इसके वैश्विक प्रभाव को कमजोर करेगा? जनता के भरोसे पर चलने वाली इस संस्था के लिए यह एक निर्णायक मोड़ हो सकता है। ट्रंप की टिप्पणियों ने अमेरिका और ब्रिटेन में राजनीतिक और मीडिया हलकों में हलचल मचा दी है, और आने वाले समय में BBC के कदम इसकी दिशा तय करेंगे।