मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप का कहर: बच्चों की मौत का सिलसिला जारी
छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश, 4 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। एक मासूम बच्ची की मौत ने जहरीले कफ सिरप की भयावहता को फिर से उजागर किया है। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, और माता-पिता अपने बच्चों की जान बचाने के लिए बेबस नजर आ रहे हैं। सरकार ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम पहले नहीं उठाया जा सकता था? जांच के आदेश दिए गए हैं, और दोषियों को सजा देने की बात कही जा रही है। लेकिन इन सबके बीच, परिवारों का दर्द और बढ़ता जा रहा है। आखिर इस त्रासदी की जड़ क्या है, और इसे रोकने के लिए अब क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
एक और मासूम की मौत
छिंदवाड़ा में कॉल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण एक और बच्ची की जान चली गई। परासिया के बढ़कुही निवासी योगिता ठाकरे नाम की इस बच्ची को पिछले सप्ताह नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां किडनी फेल होने के कारण उसकी मौत हो गई। यह सिरप अब तक 10 बच्चों की जान ले चुका है, और हर नई घटना के साथ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। यह सिलसिला 4 सितंबर से शुरू हुआ और अब तक नहीं थमा। प्रभावित परिवारों का कहना है कि उनके बच्चों को सामान्य सर्दी-खांसी के लिए यह सिरप दिया गया था, लेकिन इसके परिणाम घातक साबित हुए। स्थानीय लोगों में डर का माहौल है, और वे प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। इस सिरप को बनाने वाली कंपनी पर सवाल उठ रहे हैं, और जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।
सिरप पर बैन, जांच तेज
मध्य प्रदेश सरकार ने इस त्रासदी के बाद त्वरित कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कॉल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरे राज्य में प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, इस सिरप को बनाने वाली कांचीपुरम की कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी रोक लगाई जा रही है। सीएम ने एक्स पर लिखा, “बच्चों की मौत अत्यंत दुखद है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” तमिलनाडु सरकार से जांच के लिए संपर्क किया गया, और प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कड़े कदम उठाए गए हैं। मध्य प्रदेश में स्थानीय और राज्य स्तर पर जांच टीमें गठित की गई हैं। प्रशासन का दावा है कि इस मामले की तह तक जाया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई, और क्या पहले इसकी जानकारी थी? लोगों का गुस्सा इस बात पर भी है कि इतने नुकसान के बाद ही कार्रवाई क्यों शुरू हुई।
परिवारों का दर्द और अनुत्तरित सवाल
छिंदवाड़ा में मृत बच्चों के परिजनों का दर्द देखकर हर किसी की आंखें नम हो रही हैं। 10 मासूमों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को एक सामान्य दवा समझकर सिरप दिया, लेकिन वह मौत का कारण बन गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस जहरीले सिरप के बारे में पहले क्यों नहीं पता चला? क्या दवा की जांच और गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाली संस्थाएं सो रही थीं? छिंदवाड़ा में 4 सितंबर से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तक जारी है, और हर नई मौत के साथ लोगों का डर बढ़ता जा रहा है। स्थानीय समुदाय और परिजन सरकार से मुआवजे और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस त्रासदी ने दवा उद्योग की गुणवत्ता और नियामक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
