• October 14, 2025

आज रात का सुपरमून: 14% बड़ा, 30% चमकीला चांद, NASA ने बताया ‘वैश्विक उत्सव’

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025: आज रात आसमान में चांद का दीदार बेहद खास होगा। सुपरमून, जिसे हार्वेस्ट मून भी कहते हैं, सामान्य पूर्णिमा से 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला नजर आएगा। NASA के वैज्ञानिकों ने इसे ‘प्राकृतिक उपग्रह का वार्षिक वैश्विक उत्सव’ बताया, जो आकाशप्रेमियों को एकजुट करता है। पृथ्वी से महज 361,459 किमी दूर यह चांद बिना किसी उपकरण के नजर आएगा। क्या आप तैयार हैं इस नजारे को देखने के लिए? आइए, जानते हैं इसकी पूरी खासियत।

सुपरमून का जादू: पृथ्वी के सबसे करीब चांद

सुपरमून तब होता है जब पूर्णिमा का चांद अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे निकट बिंदु (पेरिगी) पर पहुंचता है। NASA के अनुसार, आज चांद पृथ्वी से औसत दूरी (3,84,400 किमी) से 10% कम, यानी 3,61,459 किमी दूर होगा। इससे यह सामान्य पूर्णिमा से 14% बड़ा और 30% चमकीला लगेगा। यह 2025 का पहला सुपरमून है, जो हार्वेस्ट मून के नाम से जाना जाता है—क्योंकि यह खेतों की कटाई के समय आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद की अंडाकार कक्षा के कारण ऐसा होता है। आज रात सूर्यास्त के बाद पूर्वी क्षितिज पर उगते ही यह चांद का सबसे अच्छा नजारा होगा। ड्रैकोनिड उल्कापात (8 अक्टूबर को पीक) के साथ यह और रोमांचक बनेगा।

NASA के वैज्ञानिकों की राय: ‘हर कोई देख सकता है, लेकिन अंतर महसूस करना चुनौती’

NASA ने इसे ‘चंद्र उत्साही लोगों का वैश्विक जश्न’ कहा, जो हर साल 3-4 बार होता है। फिलाडेल्फिया के फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के मुख्य खगोलशास्त्री डेरिक पिट्स ने बताया, “यह असामान्य नहीं है। साफ आसमान में बिना टेलीस्कोप के देखें, लेकिन अंतर समझना मुश्किल हो सकता है।” पिट्स ने कहा, “चांद को ऊंचाई पर देखें तो कोई तुलना नहीं मिलेगी, लेकिन क्षितिज पर पेड़-पहाड़ों के साथ यह बड़ा लगेगा।” NASA की ‘What’s Up’ सीरीज में कहा गया कि यह चांद साल के सबसे मंद चांद से 30% चमकीला होगा। हालांकि, बादल छिपा सकते हैं, इसलिए पूर्वी भारत में बेहतर व्यू। यह सुपरमून न सिर्फ खूबसूरत है, बल्कि ज्वार-भाटा को भी थोड़ा प्रभावित करेगा।

कब और कैसे देखें: आसान टिप्स

आज रात 11:47 बजे EDT (भारतीय समय सुबह करीब 9:17 बजे) पीक पर होगा, लेकिन सूर्यास्त (लगभग 6 बजे) के बाद ही नजर आएगा। पूर्वी क्षितिज पर उगते समय सबसे बड़ा लगेगा—मून इल्यूजन के कारण। दक्षिण भारत में साफ आसमान की संभावना ज्यादा। फोटोग्राफी के लिए वाइड एंगल लेंस इस्तेमाल करें। अगले सुपरमून नवंबर (5 तारीख) और दिसंबर में। क्या आप इसे मिस करेंगे? आज रात छत पर चढ़ें और इस वैश्विक चमत्कार का मजा लें।

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Rama Niwash Pandey

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