• December 27, 2025

मुआवजा देने, अवैध अतिक्रमण के नाम गरीबों को भूमि से बेदखल करने को लेकर वाम मोर्चा ने दिया धरना

 मुआवजा देने, अवैध अतिक्रमण के नाम गरीबों को भूमि से बेदखल करने को लेकर वाम मोर्चा ने दिया धरना

मानसून की बारिश के दौरान उत्तराखंड में हुई भारी तबाही के चलते लोगों की कृषि भूमि, पशुधन, भवन आदि को हुए नुकसान की भरपाई किये जाने और अवैध अतिक्रमण के नाम पर गरीब परिवारों को जमीन से बेदखल किये जाने को लेकर मंगलवार को वामपंथी दलों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दिया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन राज्यपाल को भेजा है।

वामपंथी दलों के सीपीएम के ज्ञानेंद्र खंतवाल, मदन मिश्रा, सीपीआई के भरत सिंह कुंवर, विनोद जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में मानसून की बारिश से लगभग पूरा ही राज्य प्रभावित हुआ है, किन्तु उत्तराखण्ड का पहाड़ी क्षेत्र इस बरसात में सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, सभी जिलों में आपदा के चलते भारी नुकसान हुआ है, बहुत सारे लोगों की जान चली गयी और कृषि भूमि, पशुधन का भी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में जिस तरह से चारधाम सड़क एवं रेलवे की परियोजना भूस्खलन से प्रभावित हुई है, उससे विकास के विनाशकारी, अवैज्ञानिक ठेकेदारी, मुनाफाखोरी और प्रकृति और पर्यावरण विरोधी माडल को उजागर किया है, जिसके प्रति पर्यावरणविद, वैज्ञानिक एवं राज्य की सजग आन्दोलनकारी शक्तियां लगातार चेतावनियां देती रही हैं, इस आपदा से भविष्य के सबक लिए जाने चाहिए।

वाम दलों के नेताओं का कहना था कि उत्तराखण्ड पूर्व से ही आपदा संवेदी राज्य रहा है, यहां लगातार आपदा के चलते लोगों का भारी नुकसान हुआ है, 2013 की आपदा के बाद सरकार की ओर से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने बहुत सी सिफारिशें की थी उसके पश्चात 2021 की आपदा ने फिर चेतावनी दी, अभी जोशीमठ की आपदा जारी है, ऐसा ही संकट राज्य के अन्य नगरों में आने की चेतावनी लगातार मिल रही है। मौसम के बदलाव और विकास के अवैज्ञानिक प्रयोग इस तरह की आपदाओं में वृद्धि ही करेंगे।

उन्होंने कहा कि जिस समय राज्य के आम लोग भारी आपदा से त्रस्त हैं उसी समय अतिक्रमण हटाने के नाम पर उनकी दुकानों, मकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। ऐसे कस्बे बरसाती व्यापारिक केन्द्र भी तोड़े जा रहे हैं जो सड़क बनने से पहले से ही अस्तित्व में हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग हैं कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों को उजाड़ने का यह क्रूर खेल बन्द होना चाहिए। इन सभी को लेकर मंगलवार को तीनों वामपंथी दल भाकपा, माकपा और भाकपा माले ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना देते हुए राज्यपाल से मांग की है कि आपदा से हुए नुकसान का आंकलन कर प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए। अवैध अतिक्रमण के नाम पर गरीबों के आशियाने को उजाड़ने में लगी सरकार को ऐसा न करने के लिए निर्देश दिया जाए।

धरना देने वालों में सीपीएम के ज्ञानेंद्र खंतवाल, मदन मिश्रा, सीपीआई के जिला सचिव भरत सिंह कुंवर, विनोद जोशी, गजे सिंह बिष्ट, लता मिश्रा, बस्ती लाल, नरेंद्र रावत, मीना बिष्ट, हरीश लाल, गेणू लाल, नंदन सिंह नेगी, गीता बिष्ट आदि मौजूद थे।

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