तेजस्वी का सनसनीखेज दावा- ‘मेरा और पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से कटा’, पटना DM ने खारिज किया, बोले– नाम तो लिस्ट में है साहब!”
लखनऊ/ 2 अगस्त :पटना में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी घमासान और तेज हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त 2025 को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनसनीखेज दावा किया कि उनका और उनकी पत्नी राजश्री यादव का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, “जब कई बार के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम का नाम कट सकता है, तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी? अब मैं चुनाव कैसे लडूंगा?”हालांकि, पटना के जिला मजिस्ट्रेट (DM) चंद्रशेखर सिंह ने तेजस्वी के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका और उनकी पत्नी का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मौजूद है। DM ने कहा, “तेजस्वी यादव का नाम रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में 416 नंबर पर और उनकी पत्नी का नाम भी उसी सूची में दर्ज है।” DM ने इसे गलत सूचना करार देते हुए कहा कि जिला प्रशासन और चुनाव आयोग जल्द ही इस पर और स्पष्टीकरण देगा।
विवाद की पृष्ठभूमि
तेजस्वी यादव ने बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को “वोटबंदी” और “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और नीतीश सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग गरीब, दलित, पिछड़े, और अल्पसंख्यक वर्गों के 4-5% मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश रच रहा है, ताकि करीबी सीटों पर चुनावी नतीजे प्रभावित किए जा सकें। तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 1% नाम हटने पर भी 7.9 लाख वोटर प्रभावित होंगे, जो 243 विधानसभा सीटों में प्रति सीट औसतन 3251 वोटर बनता है। यह 2020 के चुनाव में 35 सीटों पर जीत-हार के अंतर से भी ज्यादा है।
पटना DM का जवाब
पटना DM ने तेजस्वी के दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में तेजस्वी और उनकी पत्नी का नाम शामिल है। DM ने यह भी स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जा रही है, और 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति दर्ज करने का मौका है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने 99.8% मतदाताओं को कवर किया है। मृत, विस्थापित, और दोहरी प्रविष्टियों वाले 65 लाख नाम हटाए गए हैं, लेकिन किसी पात्र मतदाता का नाम बिना कारण नहीं काटा जाएगा।”
विपक्ष का विरोध और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
तेजस्वी और उनकी पार्टी RJD ने SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई 2025 को सुनवाई के दौरान कहा कि अगर ज्यादा वोटरों के नाम कटे तो वह हस्तक्षेप करेगा। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि आधार, वोटर आईडी, और राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाए। RJD ने 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया था और विधानसभा में काले कपड़े पहनकर विरोध जताया था।
सत्ता पक्ष का पलटवार
बीजेपी और JDU ने तेजस्वी के आरोपों को हार का डर बताया। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल ने कहा, “मृत और फर्जी वोटरों के नाम हटाना जरूरी है। क्या तेजस्वी चाहते हैं कि मृत लोग वोटर लिस्ट में रहें?” पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “जिन्हें मैदान छोड़कर भागना है, वे भाग जाएं। RJD को जनता ही बहिष्कार करेगी।
