तेजस्वी का मास्टरस्ट्रोक: करिश्मा राय को टिकट देकर बदले परसा के समीकरण, चंद्रिका राय का क्या होगा?
पटना, 16 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की दौड़ में तेजस्वी यादव ने एक ऐसा दांव खेला है, जो पुराने पारिवारिक घावों को हवा दे रहा है। RJD ने सारण जिले की परसा सीट से तेज प्रताप यादव की चचेरी साली डॉ. करिश्मा राय को टिकट थमा दिया है। करिश्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती और पेशे से डेंटिस्ट, अब सियासी मैदान में उतर रही हैं। लेकिन यह टिकट सिर्फ एक उम्मीदवार का चयन नहीं, बल्कि 2020 के विवादों का बदला और चंद्रिका राय (ऐश्वर्या राय के पिता) के खेल पर ब्रेक लगाने का कदम है। JDU ने चंद्रिका का टिकट काट दिया, तो क्या वे सपोर्ट करेंगे या विरोध? तेज प्रताप और ऐश्वर्या के मायके वाले अब असमंजस में हैं। यह ‘साली वाला खेल’ परसा के जातीय समीकरण को कैसे हिला देगा? आइए, इस सियासी चालबाजी की परतें खोलते हैं।
समीकरणों का उलटफेर: 5 साल बाद RJD का बदला, चंद्रिका राय का टिकट कटना
2020 में तेज प्रताप और ऐश्वर्या राय के तलाकी विवाद ने RJD को झकझोर दिया था। चंद्रिका राय ने पार्टी छोड़ दी, और RJD ने उनकी भतीजी करिश्मा को टिकट देने से इनकार कर दिया था। लेकिन 2025 में तेजस्वी ने उलट चाल चली। 15 अक्टूबर को घोषित उम्मीदवारों में करिश्मा का नाम आया, जो चंद्रिका के बड़े भाई विधानचंद्र राय की बेटी हैं। दूसरी तरफ, JDU ने चंद्रिका का परसा से टिकट काटकर RJD के पूर्व विधायक छोटेलाल राय को मैदान में उतारा, जिन्होंने 2020 में चंद्रिका को 17,000 वोटों से हराया था। यह कदम तेजस्वी का दोहरा फायदा है – चंद्रिका को सिम्पैथी वोट्स की उम्मीद तोड़ दी, और परिवार के पुराने रिश्तों को हथियार बनाया। तेजस्वी ने कहा, “परसा की जनता को नई ऊर्जा देंगी करिश्मा।” लेकिन चंद्रिका अब क्या करेंगे – सपोर्ट या बगावत?
दोहरा दांव: तेज प्रताप को संदेश, चंद्रिका का खेल बिगाड़ा
तेजस्वी ने करिश्मा को टिकट देकर तेज प्रताप को साफ संदेश दिया – पार्टी अब निजी विवादों से ऊपर उठकर आगे बढ़ेगी। 2020 में तेज प्रताप के पक्ष में लालू परिवार खड़ा था, लेकिन अब RJD उन रिश्तों को जोड़ रही है जिन्हें विवाद ने तोड़ा था। करिश्मा का चुनाव लड़ना ऐश्वर्या के परिवार से अप्रत्यक्ष पुल बनाएगा। माना जा रहा है कि करिश्मा जब चाचा चंद्रिका से आशीर्वाद लेंगी, तो वे मना नहीं कर पाएंगे – इससे RJD को पारिवारिक समर्थन मिलेगा। साथ ही, JDU में शामिल छोटेलाल राय का चयन चंद्रिका को और परेशान करेगा। तेज प्रताप के मायके वाले (लालू परिवार) इसे एकजुटता का संकेत मान रहे हैं, लेकिन ऐश्वर्या के पक्ष वाले असमंजस में हैं। क्या चंद्रिका निर्दलीय उतरेंगे या सुलह करेंगे? राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, “यह तेजस्वी की मास्टरस्ट्रोक है, जो पुराने दुश्मनों को दोस्त बना सकती है।”
परसा का जातीय जाल: यादव-मुस्लिम वोटबैंक पर दांव, कौन जीतेगा?
परसा विधानसभा में जाति निर्णायक है – यादव (सबसे ज्यादा), मुस्लिम (10-12%), कुशवाहा, दलित और OBC वोटर। RJD का M-Y (मुस्लिम-यादव) गठजोड़ मजबूत है, जो करिश्मा के लिए फायदेमंद। चंद्रिका राजपूत-सवर्ण वोटों पर निर्भर थे, लेकिन टिकट कटने से उनका प्रभाव कम हो सकता है। छोटेलाल राय (RJD से JDU) स्थानीय हैं, जो कुशवाहा वोट ला सकते हैं। 2015 में चंद्रिका ने जीता था, लेकिन 2020 में छोटेलाल ने पलटवार किया। तेजस्वी की चाल से RJD को सिम्पैथी और पारिवारिक वोट्स मिल सकते हैं। लेकिन अगर चंद्रिका विरोध करेंगे, तो वोट स्प्लिट हो सकता है। चुनाव 6-11 नवंबर को हैं – क्या करिश्मा परसा को RJD का गढ़ बनाएंगी, या चंद्रिका का बदला ले लेंगे? जनता का फैसला ही राज खोलेगा।
