यह स्वागतयोग्य है कि सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) समेत कुछ अन्य बोर्डों ने इतिहास समेत अन्य विषयों के पाठ्यक्रमों में जरुरी बदलाव की पहल तेज कर दी है। इस पहल से देश की नई युवा पीढ़ी को तथ्यात्मक पाठ्यक्रम पढ़ने का अवसर मिलेगा और ज्ञान में अभिवृद्धि होगी। इतिहास की ही बात करें तो मौजूदा समय में शिक्षण-संस्थओं में जो पाठ्यक्रम है उनमें से अधिकांश तथ्यहीन, गैरजरुरी और कपोल-कल्पित हैं। इतिहास के कालखंड […]Read More
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बात चाहे आजादी के संघर्ष की हो अथवा स्वाधीन भारत को अर्थपूर्ण मुकाम देने की या दलित समाज को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने की देश सदैव ही जगजीवन बाबू का ऋणी रहेगा। जगजीवन बाबू का निर्मल व्यक्तित्व, ओजपूर्ण वक्तव्य और समतावादी विचार आज भारतीय जनमानस के लिए प्रेरणा का स्रोत है। गरीब और दबे-कुचले परिवार में जन्म लेने के बावजूद भी बाबू जगजीवन राम में साहस और आत्मबल गजब का था। छात्र जीवन […]Read More