लखनऊ में बेटे का क्रूर कृत्य: मां को पेंचकस से गोदा, सिलेंडर से कुचला; ऑनलाइन गेमिंग की लत बनी हत्यारी
लखनऊ, 6 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक बेटे ने अपनी मां की ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते बेरहमी से हत्या कर दी। पेंचकस से हमला कर सिलेंडर से सिर कुचलने जैसी हैवानियत ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। आरोपी फरार था, लेकिन पुलिस ने उसे फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया। क्या गेमिंग का नशा परिवारों को बर्बाद कर रहा है? आइए, इस भयावह घटना की पूरी परतें खोलते हैं।
गेमिंग लत का खौफनाक अंत: 24 हजार हारने पर मां की हत्या
लखनऊ के गोमती नगर इलाके में रहने वाले निखिल यादव (25 वर्षीय) की मां रेखा यादव (52 वर्ष) की हत्या का मुख्य कारण ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग की लत थी। निखिल ने PUBG जैसे गेम्स में 24 हजार रुपये हार दिए, जिसकी भरपाई के लिए लोन लिया। कर्ज चुकाने के प्रेशर में उसने घर के जेवर चुराने की कोशिश की। मां ने विरोध किया, तो निखिल भड़क गया। उसने पहले पेंचकस से कई वार किए, फिर किचन का गैस सिलेंडर उठाकर मां का सिर कुचल दिया। हत्या के बाद निखिल ने घर से 5-6 लाख का सामान (जेवर, कैश) लूटा और फतेहपुर भाग गया। घटना शुक्रवार रात की है, जब पड़ोसियों ने चीखें सुनकर पुलिस को सूचना दी। मां की हालत इतनी नाजुक थी कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। निखिल का इतिहास बताता है कि वह दो साल से गेमिंग ऐडिक्ट था, जो रोज 10-12 घंटे खेलता।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: CCTV और कॉल रिकॉर्ड से पर्दाफा
शपुलिस को सूचना मिलते ही DCP साउथ निपुण अग्रवाल की टीम मौके पर पहुंची। शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें चोटों की पुष्टि हुई। CCTV फुटेज में निखिल के भागने का वीडियो मिला, और कॉल रिकॉर्डिंग से फतेहपुर कनेक्शन साफ हुआ। रविवार को निखिल को ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया, “मां ने जेवर न देने पर गुस्सा आ गया।” पुलिस ने IPC की धारा 302 (हत्या), 394 (लूट) और 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया। DCP अग्रवाल ने कहा, “ऑनलाइन गेमिंग ने एक बेटे को हैवान बना दिया। हम साइबर सेल से लत के स्रोत की जांच कर रहे।” लूटा सामान बरामद कर लिया गया, और निखिल को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
समाज में सदमा: गेमिंग लत का खतरा, परिवार बर्बाद
घटना के बाद गोमती नगर में हाहाकार मच गया। पड़ोसी स्तब्ध हैं, “मां ने सब कुछ दिया, फिर भी बेटा…?” परिवार के अन्य सदस्य सदमे में हैं। यह मामला ऑनलाइन गेमिंग के खतरे को उजागर करता है, जहां युवा पैसे और जिंदगी गंवा रहे। NCRB डेटा बताता है कि UP में साइबर क्राइम्स 30% बढ़े, जिनमें गेमिंग ऐडिक्शन शामिल। विशेषज्ञ कहते हैं, माता-पिता को बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। क्या सख्त साइबर लॉ और काउंसलिंग से इसे रोका जा सकता है? यह घटना आने वाली पीढ़ी के लिए चेतावनी है।
