कुमाऊंनी बोली में 16 नवंबर से होगी श्रीमद् भागवत कथा

तारा जन सेवा समिति कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में पहली बार ’कुमाऊंनी बोली में श्रीमद् भागवत कथा’ का आयोजन 16 नवंबर से 23 नवंबर तक कर रही है। इस पवित्र और भगवती कार्य के लिए समिति की एक बैठक आज गोलज्यू मंदिर हीरानगर में हुई।
बैठक में समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र मेहता ने पहली बार श्रीमद् भागवत कुमाऊंनी बोली में और कुमाऊं क्षेत्र के सम्मानित कथा वाचकों का सम्मान समारोह किए जाने के संदर्भ में कार्यक्रम की विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया 16 नवंबर को भव्य कलश यात्रा निकलेगी जिसमें माताएं बहने पारंपरिक कुमाऊंनी वेशभूषा में सम्मिलित होगी। साथ ही गोल्जू भगवान और माँ नंदा सुनंदा की झांकी के साथ ही कुमाऊं के सभी वाद्य यंत्र भी कलश यात्रा में रहेंगे। कलश यात्रा गोल्जू मंदिर हीरानगर से प्रारंभ होकर मुखानी चौराहे से जेल रोड चौराहा होते हुए उत्थान मंच में पहुंचेगी।
कथा का समय 16 नवंबर से 22 नवंबर तक दिन में 2ः00 से 5ः00 बजे तक रहेगा। विशाल भजन संध्या’ 1920 नवंबर को साइंस 8ः00 बजे से रात को 10ः00 बजे तक होगी। इसमें उत्तराखंड के प्रसिद्ध कुमाऊंनी गढ़वाली कलाकारों की भजन की प्रस्तुति की जाएगी और 23 तारीख को हवन विशाल भंडारा किया जाएगा। बैठक में समिति के सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु हल्द्वानी व आसपास के सभी क्षेत्रों में निमंत्रण देने का निर्णय लिया।
बैठक में रितु डालाकोटि, वंदना पंत, संदिप भोज, योगेश जोशी, विजय मनराल, मुन्नी बिष्ट, दीप्ति चुफाल, विनोद तिवारी, गणेश गुणवंत, राशि जैन, आदि उपस्थित रहे।
