कार्डियोलॉजी स्थित वार्ड में शार्ट सर्किट से लगी आग

रावतपुर स्थित हृदय रोग संस्थान (कॉर्डियोलॉजी) के एचडीयू वार्ड में आग लगने से मरीजों व तीमारदारों के बीच अफरा-तफरी मच गई। हृदय रोग संस्थान में एक AC से धुआं निकलता देख लोगों ने आग लगने की सूचना फायर विभाग को दी। भर्ती मरीजों के परिजन इधर-उधर भागने लगे। वहां बने एक वार्ड में धुआं फैलने से कई मरीजों को भी वहां से निकाला गया। घटना की सुचना मिलते ही वहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। फायर कर्मियों ने वार्ड में जाकर खिड़कियों को खोला। जिसके बाद धुआं निकाला गया। आपको सभी को बता दे की इस पूरी घटना में किसी भी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। जैसे ही आग लगने की सूचना हृदय रोग संस्थान में फैली मरीज के परिजन इधर-उधर भागने लगे। सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्काल प्रभाव से बचाव कार्य शुरू किया। कुछ मरीज भी वहां पर थे, जिन्हें निकाल लिया गया। किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है।
बता आपको इस घटना के बीच कोई अपने मरीज को बचाने के लिए भागा तो किसी ने अपनी जान बचाने के लिए दौड़ लगाई। आग लगने की वजह से मरीजों व तीमारों की धड़कने बढ़ गई। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। कॉर्डियोलॉजी के एचडीयू वार्ड में लगे एसी के पैनल बॉक्स को स्टांल करते समय आग लग गई और धुआं पूरे वार्ड में भर गया। इससे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। धुआं भरने की वजह से तीमारदारों के बीच हड़कंप मच गया। वार्ड में भर्ती 17 गंभीर मरीजों को तीमारदार उनको वहां से सुरक्षित स्थान ले जाने का प्रयास करने लगे और बचाव के लिए चीखपुकार मच गई। वहीं, कुछ लोग अपनी जान को बचाने के लिए कॉर्डियोलॉजी के बाहर दौड़े। देखते ही देखते संस्थान में आग से निकलने वाला धुआं पूरे वार्ड व परिसर में फैल गया। धुआं निकलने का साधन नहीं होने की वजह से मरीज के साथ ही तीमारदारों का भी दम का घुटने लगा। शोर मचाने पर हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा अपनी टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने टीम की मदद से एचडीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को आईसीयू और इमरजेंसी में शिफ्ट करवाया। दमकल कर्मियों ने खिड़िकियों के शीशे तोड़े, जिसके बाद धुआं बाहर निकल सका। निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि संस्थान में राज्यकीय निर्माण निगम द्वारा फायर फिटिंग, बिजली व एयरकंडिशन का काम किया जा रहा है। तभी शार्ट सर्किट की वजह से वार्ड में धुआं भर गया। संस्थान परिसर एयरकंडीशन है, लेकिन धुआं अधिक दिखा। मरीज को वार्ड से निकालकर आईसीयू व इमरजेंसी में रखा गया है। किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है।हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में शुक्रवार शाम एसी को स्टांल करते समय पैनल बॉक्स में आग लग गई थी। जिसके बाद शार्ट सर्किट के कारण एचडीयू में लगे एसी से उल्टा तेजी से धुआं भरने लगा। आग का धुआं अस्पताल के चारों ओर फैल गया। सभी तीमारदार अपने-अपने मरीजों को लेकर आईसीयू में भागे। बता दे की सुरक्षा का सवाल खड़ा करते हुए तीमारदारों की डॉक्टरों से तीखी नोंकझोंक हुई। अस्पताल के बाहर फुटपाथ से लेकर सड़क तक चारों तरफ लोगों की भीड़ थी। सूचना पर करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। इसके बाद दमकम कर्मियों ने एचडीयू में लगे खिड़कियों के शीशों को तोड़ा। इस दौरान तीमारदारों की अस्पताल निदेशक डॉ राकेश वर्मा से सुरक्षा को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई। जिस पर डॉक्टरों की अन्य टीम ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। इस घटनाक्रम को पूरी तरह से शांत होने में करीब तीन घंटे का समय लग गया। कार्डियोलॉजी में वर्ष 2021 में 28 मार्च को बड़ी आग लग गई थी। इस दौरान मरीजों ने खिड़की के शीशे तोड़कर कूद कर अपनी जान बचाई थी। आग की सूचना फैलते ही मरीजों और डॉक्टरों के मन में वही दृश्य कौंध गया। मरीज और डॉक्टर जान बचाकर बाहर भागे थे। इस घटनाक्रम में एक बुजुर्ग की जान चली गई थी।कार्डियोलॉजी के एचडीयू वार्ड में लगे स्मोक डिटेक्टर की पोल हल्की की आग में ही खुल गई। आग लगने के बाद पूरे वार्ड में धुआं भरने पर भी स्मोक डिटेक्टर ने अपना काम नहीं किया। जबकि यह लाखों रुपये की कीमत से लगाए थे। इनका काम आग या धुएं के संपर्क में आने पर पानी छोड़ना होता है। वही, इससे पहले 28 मार्च को संस्थान में आग लगी थी।जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुक्रवार सुबह शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग लगने की वजह से विभाग में मौजूद अधिकारियों व स्टाफ के बीच भगदड़ गई। सूचना पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने आग पर काबू पाया और आग लगने की वजह की जांच की। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे जर्जर तारों के बीच शॉर्ट सर्किट होने के बाद उनमें आग लग गई। जब तक विभाग में मौजूद अधिकारी व स्टाफ कुछ समझ पाते, तब तक पूरे परिसर में धुआं भर चुका था। धुआं भरने की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सभी लोग शोर मचाते हुए बाहर की ओर भागे। मौजूद सुरक्षा गार्ड ने उच्चाधिकारियों को जानकारी देने के बाद सूचना दमकल विभाग को दी। इसी बीच पूरे विभाग की बिजली सप्लाई बंद करावाई गई। दमकल की गाड़ी ने आग पर काबू पाया और आग लगने की वजह की पड़ताल की। जानकारी हुई कि जर्जर तारों के बीच शार्टसर्किट होने से आग लगी और धुआं पूरे विभाग और गैलरी में भर गया। शार्टसर्किट की वजह से कोई फाइल या अन्य दस्तावेज को हानि नहीं हुई।
