• October 18, 2025

धूमधाम से मनाया जा रहा है कोजागरा शारदीय पूर्णिमा कौमुदी महोत्सव

 धूमधाम से मनाया जा रहा है कोजागरा शारदीय पूर्णिमा कौमुदी महोत्सव

जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण परिवेश में शनिवार को शारदीय पूर्णिमा कौमुदी महोत्सव कोजागरा उत्साहपूर्ण माहौल में मनाया जा रहा है। सुरेश्वरी मां महालक्ष्मी की विशेष पूजा अनुष्ठान को आमजन आनन्द – आनन्द हैं।चहुंओर मिथिलांचल की विशिष्ट पर्व कोजागरा का उत्साह देखा जा रहा है।शास्त्रीय पौराणिक धार्मिक आख्यान में शारदीय पूर्णिमा कोजागरा पर्व का विशेष महत्व उल्लेखित है।

लनामि विश्वविद्यालय के पूर्व स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डा रमण झा ने बताया कि शारदीय पूर्णिमा को महामाया मां महालक्ष्मी -भगवान विष्णु व नवग्रह सहित चन्द्रमा का विशेष पूजा-पाठ- अर्चना किया जाता है।डा रमण झा ने बताया कि शास्त्रीय कथानक के अनुसार शारदीय पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अमृत कलश से अहिलौकिक प्राणियों के लिए सुधा बर्षा करते हैं।परम्परानुसार कौमुदी महोत्सव कोजागरा के दिन विशिष्ट फल नारियल मखाना फूल- पान से अपने गोसाउनिक घर में महालक्ष्मी की पूजा- अराधना लोग करते हैं।

महामाया मां सुरेश्वरी से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।आश्विन शुक्लपक्ष को किंवदन्ती परम्परानुसार शारदीय पूर्णिमा के रात्रि में अमृत भोजन पायस- खीर बनाकर घर के बाहर ओस में रखने की प्रावधान है।शारदीय पूर्णिमा की रात्रि चन्द्रमा द्वारा अमृत बर्षा की योग से बाहर रखा पायस सम्पुष्ट होना आमजन की मानसिकता बताया।मिथिलांचल परिक्षेत्र में शारदीय पूर्णिमा के दिन नव विवाहित दम्पत्ति के घर कोजागरा पर्व मनाई जाती है।पं गुलाब मिश्र ने बताया कि कोजागरा को संध्या पहर अपने द्वार से गोंसांई घर के चिनवार तक गाय गोबर से निपने के बाद अरिपन दिया जाता है।षष्टदल,कमल फूल शंख आदि पौराणिक महत्व वाले अरिपन आंगन मे दी जाती।कोजागरा के दिन नव विवाहित वर के ससुराल पक्ष से भार – दौर(संदेश विशेष) सहित नव वस्त्र भेजने का परम्परानुसार व्यवस्थित करतब बनता।

खासकर मखाना नारियल बतासा व खाजा लड्डू सहित अन्य मिठाई कोजागरा की विशिष्ट संदेश है।पुरहर- पातिल में दीप जलाकर सामने कलशा रखा जाता है।अवसर पर चुमाओन की परम्परा है।श्रेष्ठ जन दुर्वाक्षत आशीष देते हैं।उपस्थित ग्रामीणों के बीच पान- मखाना बांटने की परम्परानुसार व्यवस्था बताया।कुछ हास्य परिहास के साथ कोजागरा दिन कौड़ी पचेसी शतरंज खेलने की परम्परागत सांस्कृतिक महत्व है। अवसर पर कुटुम्ब सज- धज कर वर पक्ष के घर पधारते व उनका भरपूर स्वागत होता है। कोजागरा अवसर की व्यवस्थापन वाली सुन्दर चित्रांकन मिथिला पेंटिंग कलाकारों द्वारा वायरल हो रहा।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *