• December 25, 2025

दशहरे पर राजा भैया का शस्त्र पूजन: हथियारों का जखीरा, पत्नी के आरोपों पर चुप्पी तोड़ी?

3 अक्टूबर 2025, प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में दशहरे की धूम के बीच कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। विजयादशमी के पावन अवसर पर उन्होंने अपने बेती राजमहल में शस्त्र पूजन किया, लेकिन इस बार यह आयोजन महज धार्मिक परंपरा नहीं रहा—एक पारिवारिक विवाद का जवाब बन गया। पत्नी भानवी सिंह के हालिया आरोपों के बाद सार्वजनिक रूप से सैकड़ों हथियारों का प्रदर्शन और पूजन—क्या यह बयानबाजी है या सनातन परंपरा का प्रतीक? आइए, इस विवादास्पद घटना की परतें खोलें।

शस्त्र पूजन की भव्यता: 300 हथियारों पर तिलक, समर्थकों का जमावड़ा

दशहरे के दिन बेती राजमहल के हनुमान मंदिर परिसर में एक अनोखा नजारा था। राजा भैया ने विद्वान पंडितों के साथ विधि-विधान से शस्त्र पूजन किया। मेज पर सजे करीब 300 लाइसेंसी हथियार—माउजर, पिस्टल, रिवॉल्वर, राइफल, कार्बाइन, 12 बोर बंदूकें, तलवारें और आधुनिक असलहे—फूलों और तिलक से सजाए गए। इनमें राजा भैया के व्यक्तिगत 30 हथियारों के साथ उनके समर्थकों और नेताओं के भी शामिल थे। पहली बार इस पूजन में सैकड़ों कार्यकर्ता आमंत्रित किए गए, जो महल पहुंचे और इस जखीरे को निहारते रह गए। वीडियो में राजा भैया मंत्रोच्चार के बीच फूल बरसाते दिखे, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

भानवी सिंह का आरोप: अवैध जखीरा, जान का खतरा

यह पूजन पत्नी भानवी सिंह के आरोपों के संदर्भ में और भी चर्चित हो गया। 18 सितंबर को एक्स पर एक पोस्ट में भानवी ने हथियारों की तस्वीर शेयर कर दावा किया कि राजा भैया के पास ‘मास डिस्ट्रक्शन’ वाले अवैध विदेशी हथियारों का जखीरा है—जैसे नाटो ग्रेड जिगाना पिस्टल और ऑटोमेटिक असॉल्ट राइफल्स। उन्होंने पीएमओ में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें जान से मारने की धमकियां और एक घटना का जिक्र किया—जहां राजा भैया ने कथित तौर पर कमरे में गोली चलाई, जिसमें उनकी छोटी बेटी बाल-बाल बची। भानवी ने पीएम, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी से सुरक्षा की मांग की, कहते हुए कि ये हथियार जनसुरक्षा के लिए खतरा हैं। पीएमओ ने गृह मंत्रालय को जांच के आदेश दिए हैं।

राजा भैया का जवाब: ‘सारे शस्त्र हमारे, परंपरा का सम्मान’

पूजन के बाद राजा भैया ने स्पष्ट बयान दिया: “यह सनातन धर्म की परंपरा है—बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। प्रभु राम ने रावण वध के बाद शस्त्र और गौ पूजन किया था। सारे शस्त्र हमारे हैं; जो हमारा है, वह समर्थकों का, और जो उनका है, वह हमारा।” उन्होंने सभी को दशहरे की शुभकामनाएं दीं। उनके करीबी कुंवर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने भानवी के आरोपों को ‘फेक और एआई से बने’ बताया, कहते हुए कि भानवी 10 साल से अलग रह रही हैं, तो हथियारों की तस्वीरें कहां से आईं? राजा भैया के बेटों ने भी मां के दावों को खारिज किया, उन्हें ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया।

विवाद का पृष्ठभूमि: पारिवारिक कलह से राजनीतिक रंग

राजा भैया और भानवी सिंह का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है—तलाक की मांग, संपत्ति बंटवारे और चरित्र हनन के आरोप। भानवी का दावा है कि राजा भैया राजनीतिक ताकत से उनका चरित्र हनन करा रहे हैं, जबकि बेटे शिवराज प्रताप सिंह ने कहा कि मां के पास पिता से ज्यादा संपत्ति है, फिर भी वह ‘विक्टिम कार्ड’ खेल रही हैं। यह शस्त्र पूजन—जो पहले निजी रहता था—अब सार्वजनिक हो गया, जिसे भानवी के आरोपों का प्रत्यक्ष जवाब माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो को लाखों व्यूज मिल चुके हैं, जहां कुछ इसे परंपरा बता रहे हैं, तो कुछ सुरक्षा चिंता जता रहे।

सनातन परंपरा या राजनीतिक संदेश?

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और शस्त्र पूजन इसकी कड़ी। लेकिन राजा भैया का यह आयोजन पारिवारिक विवाद को नई ऊंचाई दे रहा है। क्या सभी हथियार लाइसेंसी हैं, जैसा दावा किया जा रहा है? जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। फिलहाल, यह घटना बिहार-यूपी की राजनीति में राजा भैया की मजबूत छवि को और मजबूत कर रही है, लेकिन भानवी के आरोपों ने सवालों का सिलसिला थमा नहीं। क्या यह विवाद कोर्ट तक सीमित रहेगा, या राजनीतिक रंग ले लेगा? समय बताएगा, लेकिन दशहरे की यह चमक विवाद की छाया में फीकी पड़ती दिख रही है।

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