• December 28, 2025

ओबीसी के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें राहुल, भाजपा ने किया है कल्याण: गिरिराज सिंह

 ओबीसी के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें राहुल, भाजपा ने किया है कल्याण: गिरिराज सिंह

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस, लालू यादव और नीतीश कुमार सब के सब ओबीसी विरोधी हैं। जब-जब भाजपा की सरकार आई, इसने आरक्षण दिया। कांग्रेस ने काका कालेकर के कमिशन को खारिज किया। अटल-आडवाणी सरकार में आए तो मंडल कमीशन बना।

रविवार को बेगूसराय में आयोजित प्रेसवार्ता में गिरिराज सिंह ने कहा कि मंडल कमीशन के रिपोर्ट पर दस साल तक इंदिरा गांधी ने कोई कार्रवाई नहीं किया। आज राहुल गांधी का रहे हैं कि केंद्रीय स्तर पर ओबीसी के तीन सेक्रेटरी ही क्यों हैं। उनकी दादी इंदिरा गांधी ने अगर कानून लागू किया होता तो आज ओबीसी वर्ग के 30 सेक्रेटरी होते। राहुल गांधी बताएं कि वह सही बोल रहे हैं या मनमोहन सिंह ने जो कहा था वह सही था।

मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि देश के संसाधन पर पहला हक मुसलमानों का है। आज राहुल गांधी ओबीसी-ओबीसी चिल्लाकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। राजस्थान कह रहा है कि बिहार के तर्ज पर जाति गणना कराऊंगा। यह राजनीतिक लाभ लेने के लिए खेल चल रहा है। झारखंड में कांग्रेस के चार और राजद के एक मंत्री हैं, वहां पंचायती राज में ओबीसी को आरक्षण नहीं किया गया।

आज कुछ लोग ओबीसी का नकाब लगाकर गरीबों को ठग रहे हैं। जबकि नरेन्द्र मोदी के सरकार में 35 प्रतिशत ओबीसी मंत्री हैं। राहुल गांधी या कोई भी मुझे आइना दिखाने के बदले खुद देखे कि मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी के हैं। लालू यादव, नीतीश कुमार और कांग्रेस बताए कि झारखंड में आरक्षण नहीं दिया तो आज चिल्ला क्यों रहे हैं। ओबीसी का हक मुसलमान को क्यों दे रहे हैं, यह नहीं चलेगा।

1989 में जब अटल-आडवाणी के समर्थन से बीपी सिंह की सरकार बनी तो ओबीसी को भाजपा ने 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाया। हम जातीय सर्वेक्षण के समर्थक हैं, लेकिन ऊलजुलूल बात का नहीं। नरेन्द्र मोदी ने बिहार में 12 प्रतिशत ओबीसी को ऊपर उठाया, उनका कल्याण किया। नरेन्द्र मोदी ने देश के साढे 13 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया। मोदी की सरकार का उद्देश्य गरीबों को उठाना है, नौटंकी करना नहीं।

संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं है तो मुस्लिम को जात में बांटकर ओबीसी का लाभ दिलाने वाले धर्म के आधार पर संविधान की धज्जियां क्यों उड़ा रहे हैं। राजीव गांधी ने सदन में ओबीसी का विरोध किया था। राहुल गांधी कुछ भी बोलने से पहले अपने वंशजों की ओर झांक कर देखें। पिछड़ा वर्ग आयोग को कांग्रेस ने संवैधानिक दर्जा नहीं दिया। मोदी प्रधानमंत्री बने तो संवैधानिक दर्जा दिया। नवोदय से आईआईटी तक चार लाख ओबीसी के बच्चे को पढ़ाई में आरक्षण का लाभ मिला।

लालू यादव और नीतीश कुमार ओबीसी विरोधी कांग्रेस की गोद में खेल रहे हैं। नरेन्द्र मोदी ने जितनी योजना चलाई सब में ओबीसी को लाभ मिला। जनधन योजना हो या उज्जवला, स्वनिधि योजना, मुद्रा हो या नल का जल, सबको ओबीसी से जोड़ा। आज 13 हजार करोड़ से विश्वकर्मा योजना शुरू की गई। उसमें भी सबसे अधिक लाभ ओबीसी को मिला। ओबीसी आरक्षण की आड़ में मुस्लिम को शामिल करना, हिन्दू ओबीसी का हक मारना है।

उन्होंने कहा कि बिहार सहित कई राज्यों की सेक्युलर सरकारों ने धर्म के आधार पर मुस्लिम को आरक्षण दिया। हिंदू ओबीसी की हकमारी किया। इसके लिए लालू यादव सहित सभी माफी मांगे। आज बिहार में जाति सर्वेक्षण हुआ, उसमें भी हमारे सुशील मोदी ने बढ़-चढ़कर कार्य किया था। नरेन्द्र मोदी ने भी समर्थन किया। आखिर लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे लालू यादव और रावड़ी देवी ने जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया तो आज ऊंची आवाज में क्यों बोल रहे हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस के सिद्धरमैया की सरकार ने जाति सर्वेक्षण नहीं कराया और आज राजनीतिक लाभ के लिए याद आ गई। राहुल गांधी तो सही में आज के रावण हैं जो विदेश जाते हैं तो भारत और लोकतंत्र को गाली देते हैं। देश में रहने पर क्या बोलते हैं, उन्हें खुद भी पता नहीं है। कांग्रेस ने जब-जब नरेन्द्र मोदी को गाली दिया है, तब-तब देश की जनता ने और अधिक समर्थन किया, इनका खेल नहीं चलेगा।

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