• December 25, 2025

पंजाब में सनसनी: पूर्व आईजी अमर सिंह चहल ने खुद को मारी गोली, करोड़ों की ठगी और सुसाइड नोट ने उलझाई गुत्थी

पटियाला: पंजाब पुलिस के गलियारों और राजनीतिक हलकों में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब खबर आई कि विभाग के कद्दावर पूर्व अधिकारी और रिटायर्ड आईजी (इंस्पेक्टर जनरल) अमर सिंह चहल ने खुदकुशी की कोशिश की है। पटियाला स्थित अपने आवास पर उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली उनके सीने में लगी है, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में पटियाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, अत्यधिक खून बह जाने के कारण उनकी हालत बेहद नाजुक और चिंताजनक बनी हुई है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसने इस पूरे मामले में कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटनास्थल का दृश्य और पुलिस की प्रारंभिक जांच

घटना की जानकारी मिलते ही पटियाला के एसपी सिटी पलविंदर सिंह चीमा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। शुरुआती जांच में पता चला है कि अमर सिंह चहल ने खुद को निशाना बनाकर गोली चलाई, जो सीधे उनकी छाती में जा धंसी। गोली की आवाज सुनकर परिवार के सदस्य कमरे की ओर भागे, जहां चहल खून से लथपथ पड़े थे। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम साक्ष्य जुटाने में लगी है। एसपी चीमा ने मीडिया को पुष्टि की है कि कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसकी हैंडराइटिंग और मजमून की जांच की जा रही है। पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह कदम किसी भारी मानसिक दबाव या किसी कानूनी पेचीदगी के डर से उठाया गया है।

करोड़ों की साइबर ठगी का संदिग्ध एंगल

इस हाई-प्रोफाइल मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ ‘साइबर ठगी’ का सामने आ रहा है। आधिकारिक सूत्रों और स्थानीय चर्चाओं के मुताबिक, पूर्व आईजी पिछले कुछ समय से किसी बड़े वित्तीय विवाद या करोड़ों रुपये की साइबर ठगी के जाल में फंसे हुए थे। चर्चा है कि ठगों ने उन्हें किसी बड़े निवेश या ब्लैकमेलिंग के जरिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। हालांकि, पुलिस ने अभी तक साइबर ठगी के इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन जांच टीम उनके बैंक खातों और हालिया फोन कॉल रिकॉर्ड्स को खंगाल रही है। यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि सुसाइड नोट में इस ठगी और उससे जुड़े किरदारों का जिक्र हो सकता है।

बेअदबी कांड और फरीदकोट फायरिंग मामले का साया

अमर सिंह चहल का नाम पंजाब के सबसे संवेदनशील और विवादित ‘2015 फरीदकोट फायरिंग मामले’ से भी गहरा जुड़ा रहा है। फरवरी 2023 में एडीजीपी एलके यादव के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (SIT) ने फरीदकोट की अदालत में जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें चहल का नाम प्रमुखता से शामिल था। बहबल कलां और कोटकपुरा फायरिंग की घटनाओं के दौरान वह डीआईजी के पद पर तैनात थे। चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि फायरिंग की साजिश और आदेशों के क्रियान्वयन में तत्कालीन उच्चाधिकारियों के साथ चहल की भी भूमिका थी।

चार्जशीट में बड़े नामों के साथ थे नामजद

अमर सिंह चहल केवल अकेले अधिकारी नहीं थे, बल्कि वह उस चार्जशीट का हिस्सा थे जिसमें पंजाब की राजनीति के दिग्गज नाम शामिल थे। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और आईजी परमराज सिंह उमरानंगल जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया था। पिछले लंबे समय से यह मामला अदालत में विचाराधीन है और इस कानूनी लड़ाई ने कई अधिकारियों को भारी मानसिक और सामाजिक दबाव में डाल रखा था। माना जा रहा है कि इन पुराने केसों की कानूनी तपिश और वर्तमान के किसी नए संकट ने उन्हें इस आत्मघाती कदम के लिए मजबूर किया होगा।

पुलिस महकमे में शोक और सन्नाटा

एक कद्दावर अधिकारी द्वारा इस तरह का खौफनाक कदम उठाए जाने के बाद पंजाब पुलिस के वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के बीच सन्नाटा पसरा है। अमर सिंह चहल को महकमे में एक सख्त और सक्रिय अधिकारी के तौर पर जाना जाता था। उनके साथ काम कर चुके सहकर्मियों का कहना है कि वह स्वभाव से काफी मजबूत थे, ऐसे में सुसाइड की कोशिश की खबर उनके लिए अविश्वसनीय है। अस्पताल के बाहर समर्थकों और पुलिस अधिकारियों का जमावड़ा लगा हुआ है, जहां हर कोई उनकी सलामती की दुआ कर रहा है।

निष्कर्ष: सुसाइड नोट खोलेगा राज

पटियाला पुलिस अब उस सुसाइड नोट को इस मामले की सबसे बड़ी कुंजी मान रही है। उस नोट में लिखे गए एक-एक शब्द की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि चहल ने इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया है। क्या यह वास्तव में करोड़ों की ठगी का मामला है या फिर पुराने केसों का बढ़ता दबाव? अस्पताल से मिलने वाली मेडिकल रिपोर्ट और पुलिस की तफ्तीश ही आने वाले दिनों में इस रहस्य से पर्दा उठाएगी। फिलहाल, पूरा पंजाब पूर्व आईजी के स्वास्थ्य और इस मामले के पीछे छिपे असली सच का इंतजार कर रहा है।

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