पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे : अध्यक्ष बग्गा, राजस्थान पंजाबी भाषा अकादमी अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने के बाद की पत्रकार वार्ता

राजस्थान पंजाबी भाषा अकादमी श्रीगंगानगर के अध्यक्ष मनिंद्र सिंह बग्गा शुक्रवार को श्रीगंगानगर पहुंचे। उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर से अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद वे जिला परिषद परिसर स्थित अकादमी भवन आए। यहां पर उन्होंने कागजी प्रक्रिया पूरी की। यहां से वे सर्किट हाउस पहुंचे।
सर्किट हाउस में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वे पंजाबीयत और पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। मनिंद्र सिंह बग्गा ने कहा कि स्कूलों में पंजाबी संकाय खुलवाने के साथ-साथ जहां पंजाबी भाषा के अध्यापक नहीं हैं, वहां नियुक्ति करवाने का प्रयास करेंगे। अकादमी के खुद के भवन के बारे में अध्यक्ष बग्गा ने कहा कि यूआईटी ने अकादमी भवन के लिए गौतम बुद्ध नगर में जमीन रिजर्व की है, जिसका प्रस्ताव डीएलबी में विचाराधीन है। वहां से जल्द स्वीकृति लेकर पट्टा जारी करवाने और भवन के लिए बजट मंजूर करवाने का प्रयास करेंगे। उन्हें सरकार की ओर से राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है या नहीं के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी तक उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है। मेरा प्रयास रहेगा कि कम समय में पंजाबी भाषा के लिए ज्यादा से ज्यादा काम किया जाए। इस दौरान विधायक राजकुमार गौड़, डॉ. तेजप्रताप सिंह संधू, डॉ. एनपी सिंह, पंजाबी सभ्याचार सोसाइटी के अध्यक्ष अमरिंद्र सिंह शिल्पी, इंद्रजीत सिंह भाटिया, एडवोकेट राज भूपेंद्र, गुरनाम सिंंह, जसपाल भाटिया, केके आहलुवालिया, नवदीप सिंह व गुरचरण सिंह आदि मौजूद रहे।
मेरा कार्यकाल भी पूरा होगा।
उन्होंने कहा कि पंजाबी अकादमी के नए भवन में एक लाइब्रेरी भी विकसित की जाएगी, जिसमें पंजाबी का साहित्य उपलब्ध हो सकेगा। अकादमी अध्यक्ष का कार्यकाल बेहद कम रहने के सवाल पर उनका कहना था कार्यकाल भले ही कम हो सरकार फिर से रिपीट होगी और सरकार रिपीट होगी तो पंजाबी अकादमी अध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा होगा।
राजस्थान सिख बोर्ड के जनरल सचिव भी हैं बग्गा।
मनिंद्र सिंह बग्गा राजस्थान सिख बोर्ड के जनरल सचिव हैं। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में अल्प संख्यक आयोग के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा इन्हें दो बार देवस्थान बोर्ड का सदस्य बनाया जा चुका है। जयपुर निवासी बग्गा का श्रीगंगानगर से कोई संबंध नहीं हैं, मगर वे यहां के सिख संगठनों से जुड़े लोगों के संपर्क में हैं।
