ग्रीन गोला की जमीन पर फिर कब्जे की तैयारी, भू माफियाओं ने रखा पिलर

शहर के गोलपार में सरकारी जमीन पर कब्जा करने की तैयारी एक बार फिर भू माफियाओं ने शुरू कर दी है। इस बार की रणनीति क्या होगी इससे अभी आम नागरिक अनजान हैं। लेकिन कुछ भू माफिया अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर ग्रीन गोला की जमीन की चारदीवारी करने की बात कर रहे हैं। इस बात का प्रमाण यह है कि भू माफियाओं ने उस सरकारी जमीन पर सीमेंट का पिलर रख दिया है।
भू माफिया जिस तरह एक बार फिर सक्रिय हुए हैं इसकी भनक स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी लगी है। आम नागरिक भी इस बात से चौंक गए हैं कि जिस सरकारी जमीन को लेकर जिले के अधिकारियों ने पूरी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर पेश की थी, उसके बाद आखिर ऐसा कौन सा फैसला भू माफिया के पक्ष में आ गया?
डीसी के आदेश पर एसडीओ ने रुकवाया था काम , कोर्ट में चल रहा मामला
इसी वर्ष अप्रैल और मई महीने में भू माफिया इतने सक्रिय हो गए थे, कि उन लोगों ने सरकारी जमीन पर बाउंड्री करने की तैयारी कर ली थी। तब तत्कालीन डीसी माधवी मिश्रा के निर्देश पर तत्कालीन एसडीओ मोहम्मद जावेद हुसैन ने पूरा काम रुकवाया था। इसके बाद रामगढ़ थाना प्रभारी रोहित कुमार ने खुद उस जमीन पर धारा 144 लगाते हुए एक मामला एसडीओ कोर्ट में दर्ज किया था। इसके बाद इसी सरकारी जमीन के कई दावेदार भी सामने आ गए थे। एसडीओ कोर्ट के फैसले से ना तो आम नागरिक रूबरू हो पाए और ना ही उन तक कोई सूचना ही पहुंची।
फॉर्च्यूनर पर सवार लोग खेल रहे पूरा गेम
ग्रीन गोला की सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए फॉर्च्यूनर पर सवार लोग पूरा गेम खेल रहे हैं। इस सरकारी जमीन के गलत तरीके से तैयार किए गए दस्तावेज के मालिकों के साथ उनकी बैठक हो रही है। साथ ही उन्हें एक मोटी रकम देने की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा कुछ स्थानीय लोगों को भी मैनेज करने का प्रस्ताव दिया जा रहा है। कुछ ऐसे युवा हैं जिन्हें हर शाम पार्टी भी मिल रही है।
जिला प्रशासन की है जिम्मेदारी, कैसे बचाएं सरकारी जमीन : अनमोल सिंह
ग्रीन गोला की सरकारी जमीन को लेकर वार्ड नंबर 2 के पूर्व मुखिया सरदार अनमोल सिंह ने कहा सरकारी जमीन को बचाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। आम नागरिक हर स्तर पर भू माफियाओं का विरोध करेंगे। पिछली बार भी जब भू माफिया सक्रिय हुए थे तो उन लोगों का विरोध किया गया था। इस बार भी भू माफिया एक बार फिर सक्रिय होकर इस सरकारी जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं। इस बार फिर आम नागरिक इसका विरोध करेंगे। जिला प्रशासन को इस मामले में पहल कर गलत तरीके से खोली गई जमाबंदी को खत्म करना चाहिए, ताकि यह पूरा मुद्दा ही खत्म हो।
