पीएम मोदी देश को देंगे एशिया की पहली वाटर मेट्रो की सौगात
नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अप्रैल को देश को पहली वाटर मेट्रो की सौगात देंगे | बता दें की पीएम मोदी अपने केरल दौरे के दौरान कोच्चि में शुरू होने वाली मेट्रो एशिया की सबसे पहली वाटर मेट्रो की शुरुआत करेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी देश को पहली वाटर मेट्रो समर्पित करने जा रहे हैं। यह मेट्रो दूसरी मेट्रो से बेहद ही अलग है, क्योंकि अब तक आपने केवल पटरियों पर चलने वाली मेट्रो देखी होगी, लेकिन अब पानी पर चलने वाली मेट्रो का लुत्फ उठा सकेंगे। हम आपको बताते हैं कि पानी पर चलने वाली इस वाटर मेट्रो की क्या है खासियतें और कैसे यह आपकी यात्रा में चार चांद लगा देती है।
बता दें कि देश की पहली वाटर मेट्रो कोच्चि जैसे शहरों के लिए एक बहुत अच्छा तोहफा साबित हो सकती है। वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट, कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ने वाला केरल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। फिलहाल, इस प्रोजेक्ट के लिए 23 वाटर बोट्स और 14 टर्मिनल हैं, जिनमें से चार टर्मिनल पूरी तरह से तैयार है। वहीं, जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, तो इसमें 78 वाटर बोट्स होंगे और 38 टर्मिनल होगें। ये वाटर मेट्रो कोच्चि बैकवाटर के 76 किमी के क्षेत्र को कवर करेगी, जिसके अंतर्गत छह पंचायतें और तीन नगर पालिकाएं आएंगी।
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केरल का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद वाटर मेट्रो 16 रूट पर चलेगी। KMRL और कोच्चि वाटर मेट्रो लिमिटेड (KWML) के प्रबंध निदेशक लोकनाथ बेहरा के अनुसार, 26 अप्रैल को 8 इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड नावों के साथ पहली वाटर मेट्रो केरल हाई कोर्ट से वाइपिन तक चलेगी। वहीं, दूसरे रूट की वाटर मेट्रो वायटिला और कक्कनाड तक चलेगी।
बताया जा रहा है कि वाटर मेट्रो रोजाना 12 घंटे चलेगी और प्रत्येक 15 मिनट के अंतराल में अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचेगी। वाटर मेट्रो का उपयोग करके यात्री 20 मिनट से भी कम समय में हाई कोर्ट से वाइपीन पहुंच सकते हैं। वायटिला से कक्कनाड तक केवल 25 मिनट तक पहुंच सकते हैं। पहले रूट की सेवा सुबह 7 बजे शुरू होगी और रात 8 बजे तक जारी रहेगी। पीक ऑवर्स के दौरान हाई कोर्ट-वाइपीन रूट पर हर 15 मिनट में वाटर मेट्रो चलेगी।
वाटर मेट्रो में ऑटोमेटिक बोट लोकेटिंग सिस्टम और पैंसेजर कंट्रोल सिस्टम होगा। इस मेट्रो में प्रदूषण न फैलाने वाली बैटरी का उपयोग किया गया है। इससे कोच्चि बैकवाटर में पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। कोच्चि जल मेट्रो परियोजना से एक लाख से अधिक द्वीपवासियों को लाभ होगा।