पवन सिंह की पत्नी ज्योति का चुनावी असमंजस: जनता से पूछा, लड़ें या पीछे हटें?
बलिया, 16 अक्टूबर 2025: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चले आ रहे पारिवारिक विवाद ने अब बिहार की सियासत को नया मोड़ दे दिया है। काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही ज्योति ने सोशल मीडिया पर खुला सवाल किया है – क्या वे चुनाव मैदान में उतरें या नहीं? उन्होंने जनता को फैसला सौंपते हुए कहा कि अगर पति रिश्ता संभाल लें, तो वे नाम वापस ले लेंगी। यह ऐलान तलाक के कोर्ट केस, 30 करोड़ की एलिमनी की मांग और पवन के आरोपों के बीच आया है। क्या ज्योति की राजनीतिक महत्वाकांक्षा परिवार पर भारी पड़ेगी? या जनता का समर्थन उन्हें मजबूत बनाएगा? बिहार चुनाव की सरगर्मियों में यह ड्रामा पूरे राज्य का ध्यान खींच रहा है। आइए, इस उलझे मामले की परतें खोलते हैं।
इंस्टाग्राम पर ज्योति का भावुक अपील: 50-50 रिस्पॉन्स में फंसीं
ज्योति सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी दुविधा जाहिर की। उन्होंने लिखा, “नमस्कार, काराकाट की देवतुल्य जनता। आज मैं अजीब-सी असमंजस में हूं। फोन पर पूछा तो 50 प्रतिशत पॉजिटिव और 50 प्रतिशत निगेटिव रिस्पॉन्स मिला।” ज्योति ने कहा कि वे हमेशा जनता से सलाह लिए बिना फैसला नहीं लेतीं। “कल मैं आपके बीच आ रही हूं। मुझे बेटी-बहू मानकर सलाह दें – चुनाव लड़ूं या न लड़ूं?” यह पोस्ट 15 अक्टूबर को वायरल हुई, जब बिहार चुनाव के लिए नामांकन की तैयारी चल रही है। ज्योति ने स्पष्ट किया कि अगर पवन सिंह रिश्ता ठीक कर लें, तो वे तुरंत नाम वापस ले लेंगी। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट हजारों लाइक्स और कमेंट्स बटोर चुकी है, जहां समर्थक उन्हें ‘बहू’ कहकर हौसला दे रहे हैं। लेकिन पवन के समर्थक इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं। ज्योति का यह कदम लोकसभा चुनाव के दौरान काराकाट में उनके प्रचार को याद दिलाता है, जहां उन्होंने स्थानीय राजपूत समुदाय से मजबूत जुड़ाव बनाया था।
पारिवारिक तकरार का राज: तलाक, एलिमनी और राजनीतिक आरोप
ज्योति और पवन सिंह का विवाद चार साल से कोर्ट में चल रहा है। ज्योति ने हाल ही में 30 करोड़ रुपये की एलिमनी की मांग की, जिसने मामला और गरमा दिया। अक्टूबर 2025 की शुरुआत में ज्योति लखनऊ में पवन से मिलने गईं, लेकिन पवन ने आरोप लगाया कि वे सिर्फ चुनावी समर्थन मांगने आई थीं। ज्योति ने खंडन करते हुए कहा कि वे रिश्ता जोड़ने गई थीं, लेकिन पति ने इनकार कर दिया। पवन ने सोशल मीडिया पर सफाई दी, “हमारी मुलाकात हुई, लेकिन ज्योति ने सिर्फ टिकट की बात की।” ज्योति ने पलटवार में कहा, “पवन ने मुझे गर्भपात की दवाएं दीं और यातनाएं दीं। अगर वे मुझे पत्नी मान लें, तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी।” प्राशांत किशोर से उनकी मुलाकात ने अफवाहें तेज कीं, लेकिन ज्योति ने कहा कि यह न्याय के लिए थी, न कि टिकट के लिए। पवन, जो हाल ही में बीजेपी में लौटे हैं, ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। यह विवाद अब काराकाट की सियासत को प्रभावित कर रहा है, जहां ज्योति निर्दलीय उतरने की योजना बना रही हैं।
राजनीतिक मोड़: निर्दलीय चुनौती या परिवार पर विजय?
ज्योति का काराकाट से चुनाव लड़ना कोई नई बात नहीं। 2024 लोकसभा में पवन की हार के बाद स्थानीय लोगों ने ज्योति से अपील की थी। उनके पिता रामबाबू सिंह ने कहा, “काराकाट की जनता ज्योति को अपना मानती है।” आरजेडी से बातचीत टूटने के बाद वे निर्दलीय मैदान में हैं। लेकिन पारिवारिक विवाद ने सबकुछ उलझा दिया। पवन के बीजेपी प्रवेश के बाद ज्योति का ऐलान सियासी संदेश देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह राजपूत वोट बैंक पर असर डालेगा। ज्योति ने कहा, “अगर पवन रिश्ता निभाएं, तो नाम वापस।” कल की जनसभा में उनका फैसला तय होगा। बिहार चुनाव 6-11 नवंबर को हैं, और यह ड्रामा वोटरों को प्रभावित कर सकता है। क्या ज्योति परिवार चुनेंगी या सियासत? जनता का जवाब ही फैसला करेगा।
