ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे पर लगी रोक, अब हाईकोर्ट तय करेगा सर्वे होगा या नही
ज्ञानवापी परिसर में सोमवार से शुरू एएसआई सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट के दो दिन तक रोक लगाने से वादी हिन्दू पक्ष ने भी हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट में वादी पक्ष के अधिवक्ता प्रतिवादी मसाजिद कमेटी की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराएंगे। वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि हमारी कानूनी टीम उच्च न्यायालय पहुंच रही है और हम सुप्रीम कोर्ट के रोक का विरोध करेंगे। ज्ञानवापी की सच्चाई एएसआई के सर्वेक्षण के बाद ही सामने आएगी। उच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट की किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का फैसला करेगा, इलाहाबाद अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करेगा। वादी पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद अगली कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट के फैसले पर नजर है। हमें उम्मीद है कि यहां से भी हमारी जीत होगी।
गौरतलब है कि वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने गत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील किए गए वुजूखाने के क्षेत्र को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। एएसआइ निदेशक को सर्वे की रिपोर्ट चार अगस्त को अदालत में पेश करने का आदेश भी दिया था। जिला जज के आदेश के पालन में सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआइ)टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर में पहुंची थी। परिसर में सर्वे कार्य के बीच मसाजिद कमेटी ने सर्वे टीम का सहयोग नहीं किया। सुबह से पूर्वाह्न तक लगभग पांच घंटे की सर्वे कार्यवाही के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट से दो दिन के रोक का आदेश आ गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे को रोक दिया गया।
