दिल्ली BMW हादसे में नया मोड़: गगनप्रीत नशे में नहीं थीं, परिवार संग कार में सवार थे बच्चे
16 सितम्बर 2025, दिल्ली: राजधानी के धौला कुआं इलाके में रविवार को हुए भयानक सड़क हादसे ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की इस हादसे में मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हैं। शुरुआत में कई अफवाहें फैलीं कि BMW कार चला रही महिला गगनप्रीत कौर नशे की हालत में थीं, लेकिन पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। मेडिकल रिपोर्ट से साफ हो गया है कि गगनप्रीत हादसे के समय नशे में बिल्कुल नहीं थीं। साथ ही, पता चला है कि कार में उनके पति और दो छोटे बच्चे भी सवार थे। यह खुलासा मामले को नया रूप दे रहा है।हादसा रविवार दोपहर करीब 2 बजे दिल्ली के व्यस्त रिंग रोड पर हुआ। नवजोत सिंह अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा से लौट रहे थे। दोनों बाइक पर सवार थे और घर की ओर जा रहे थे। तभी गुरुग्राम से दिल्ली आ रही एक लग्जरी BMW कार ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि नवजोत सिंह सड़क पर गिर पड़े और उन्हें गंभीर चोटें आईं। संदीप कौर भी जख्मी हो गईं। हादसे के बाद नवजोत की सांसें चल रही थीं, लेकिन उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल नहीं ले जाया गया।
इसके बजाय, उन्हें 19 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने सोमवार को BMW कार की ड्राइवर 38 वर्षीय गगनप्रीत कौर को गिरफ्तार कर लिया। गगनप्रीत गुरुग्राम की रहने वाली हैं और परीक्षित मक्कड़ की पत्नी हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ गुरुग्राम से दिल्ली लौट रही थीं। कार में कुल पांच लोग सवार थे। गगनप्रीत खुद कार चला रही थीं। उनके बगल वाली अगली सीट पर उनकी 6 साल की बेटी बैठी थी। पीछे की सीट पर पति परीक्षित, 4 साल का छोटा बेटा और परिवार की एक नौकरानी मौजूद थी। हादसे में कार के सभी सवारों को मामूली चोटें आईं, लेकिन बच्चे सुरक्षित रहे। गगनप्रीत ने कहा कि वह घबरा गई थीं और उन्हें याद नहीं कि हादसा कैसे हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड महामारी के दौरान उनकी बेटी का इलाज यही अस्पताल में हुआ था, इसलिए उन्होंने घायलों को यहीं ले जाने का फैसला किया।पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें साफ दिखा कि BMW कार पहले सड़क के डिवाइडर से टकराई। टक्कर से कार पलट गई और बेकाबू होकर नवजोत की बाइक से जा भिड़ी।
इसके बाद कार एक बस से भी टकराई। यह वीडियो पुलिस के पास है और इससे साबित हो रहा है कि हादसा गगनप्रीत की गलती से हुआ, लेकिन नशा इसमें शामिल नहीं था। मेडिकल टेस्ट में अल्कोहल या कोई नशीला पदार्थ नहीं पाया गया। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के एडीसीपी अभिमन्यु पोसवाल ने बताया, “गगनप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया है। मेडिकल जांच पूरी हो चुकी है। अब कोर्ट में पेश करेंगे।”इस हादसे ने सवाल खड़े कर दिए हैं। नवजोत की पत्नी संदीप कौर ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हादसे के तुरंत बाद नवजोत की सांसें चल रही थीं। उन्होंने गगनप्रीत से नजदीकी अस्पताल ले जाने की गुजारिश की, लेकिन गगनप्रीत ने उन्हें दूर के अस्पताल ले जाकर देर कर दी। संदीप के मुताबिक, अगर तुरंत इलाज मिल जाता तो शायद नवजोत की जान बच सकती थी। पुलिस इस दावे की जांच कर रही है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या हादसे के बाद गगनप्रीत के पति और परिवार वाले सबूत छिपाने की कोशिश कर रहे थे। हादसे के बाद परीक्षित मक्कड़ बच्चों और नौकरानी को लेकर मौके से चले गए थे, जबकि गगनप्रीत एक अन्य ड्राइवर गुलफाम की वैन से घायलों को अस्पताल ले गईं।
गुलफाम का बयान भी दर्ज कर लिया गया है।नवजोत सिंह वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी थे। 57 साल के नवजोत हरि नगर, दिल्ली के रहने वाले थे। वह एक ईमानदार और मेहनती अधिकारी के रूप में जाने जाते थे। हादसे से पहले वह पत्नी के साथ गुरुद्वारा गए थे और फिर कर्नाटक भवन में लंच किया था। परिवार और सहकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई है। वित्त मंत्रालय ने भी आधिकारिक बयान जारी कर दुख व्यक्त किया है। नवजोत के दो बच्चे हैं, जो अब अनाथ हो गए हैं। संदीप कौर का इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर हैं।पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (खतरनाक ड्राइविंग), 125बी (गैर-इरादतन हत्या), 105 और 238 के तहत मामला दर्ज किया है। गगनप्रीत को दो दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है। जांच अधिकारी कहते हैं कि कार की स्पीड ज्यादा थी, लेकिन नशे का कोई सबूत नहीं मिला। परिवार के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ की जाएगी। गगनप्रीत के पिता का उस अस्पताल में हिस्सा होने की बात भी सामने आई है, जिसकी जांच हो रही है। क्या यह संयोग था या जानबूझकर दूर का अस्पताल चुना गया? पुलिस इन सवालों के जवाब ढूंढ रही है।
यह हादसा दिल्ली की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाही के खतरे को फिर से उजागर करता है। पिछले कुछ महीनों में दिल्ली-एनसीआर में कई बड़े हादसे हो चुके हैं। अप्रैल में पहाड़गंज में एक नाबालिग ने कार से 2 साल की बच्ची को कुचल दिया था। गुजरात के वडोदरा में भी तेज कार ने कई लोगों को घायल किया। विशेषज्ञ कहते हैं कि सख्त ट्रैफिक नियमों और जागरूकता की जरूरत है। नवजोत के परिवार ने न्याय की मांग की है। पुलिस ने वादा किया है कि पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।इस मामले में अब तक जो खुलासे हुए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। गगनप्रीत का परिवार साफ-सुथरा दिखता है, लेकिन हादसे की गहराई अभी बाकी है। बच्चे सुरक्षित होने से राहत है, लेकिन नवजोत की मौत ने एक परिवार को बर्बाद कर दिया। दिल्ली पुलिस जांच को तेज कर रही है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। यह घटना सभी को सावधानी बरतने की सीख देती है।
