गाजा में शांति की नई उम्मीद: मोदी की ट्रंप तारीफ से डिप्लोमेसी में तेजी
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025: दो साल से ज्यादा चले इजरायल-हमास युद्ध ने गाजा को तबाह कर दिया, लेकिन अब एक नई किरण दिख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्री शांति योजना ने दरवाजे खोले हैं, जहां हमास ने बंधकों की रिहाई और सत्ता हस्तांतरण पर सहमति जताई है। इजरायल ने हमलों पर रोक लगाने का संकेत दिया, जबकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के प्रयासों की खुलकर सराहना की। एक्स पर पोस्ट से वैश्विक समर्थन बढ़ा, लेकिन सवाल बाकी—क्या यह स्थायी शांति का रास्ता बनेगा? ट्रंप का अल्टीमेटम और नेतन्याहू का सहयोग उम्मीद जगाते हैं। आइए, इस डिप्लोमेटिक ब्रेकथ्रू की परतें खोलें।
दो साल का युद्ध और ट्रंप का नया प्लान
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ गाजा संघर्ष ने 66,000 से ज्यादा जानें लीं। इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में गाजा को तबाह कर दिया, जहां बंधकों का मुद्दा सबसे बड़ा रोड़ा बना। सितंबर 2025 में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ 20-सूत्री योजना पेश की। इसमें तत्काल सीजफायर, हमास द्वारा सभी 48 बंधकों की रिहाई, फिलिस्तीनी कैदियों का आदान-प्रदान, हमास का निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय निगरानी में गाजा का संक्रमणकालीन प्रशासन शामिल। योजना में ट्रंप खुद ‘पीस बोर्ड’ के चेयरमैन बनेंगे, जिसमें टोनी ब्लेयर जैसे नाम होंगे। हमास ने कुछ शर्तें मानीं, लेकिन पूर्ण सहमति पर बहस जारी।
एक्स पोस्ट से वैश्विक समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने 4 अक्टूबर को एक्स पर पोस्ट कर ट्रंप की तारीफ की: “We welcome President Trump’s leadership as peace efforts in Gaza make decisive progress. Indications of the release of hostages mark a significant step forward. India will continue to strongly support all efforts towards a durable and just peace.” यह 30 सितंबर की उनकी पहली पोस्ट का फॉलो-अप था, जहां उन्होंने योजना को ‘लॉन्ग-टर्म पीस का वायबल पाथवे’ कहा था। पोस्ट ने ट्रंप को टैग किया, जिसे उन्होंने रीपोस्ट किया। फ्रांस के मैक्रॉ, ब्रिटेन के स्टार्मर और कनाडा जैसे देशों ने भी समर्थन जताया। मोदी का स्टैंड भारत की मिडिल ईस्ट डिप्लोमेसी को मजबूत करता है, जहां शांति को क्षेत्रीय स्थिरता से जोड़ा गया।
सहमति के संकेत, लेकिन चुनौतियां
ट्रंप ने 3 अक्टूबर को हमास को अल्टीमेटम दिया—रविवार शाम तक योजना मानें, वरना ‘हेल ब्रेक लूज’। हमास ने रिहाई और सत्ता सौंपने पर सहमति जताई, लेकिन निरस्त्रीकरण और फिलिस्तीनी अधिकारों पर ‘कंसल्टेशन’ की मांग की। ट्रंप ने कहा, “Hamas is ready for lasting peace,” और इजरायल को बमबारी रोकने को कहा। नेतन्याहू ने ‘पहले चरण’ की तैयारी की पुष्टि की, लेकिन चेतावनी दी—यदि हमास असफल हुआ, तो इजरायल ‘जॉब फिनिश’ करेगा। योजना में गाजा में सहायता बहाल, इंफ्रास्ट्रक्चर रिपेयर और राफा क्रॉसिंग खोलना शामिल। कतर और तुर्की दबाव डाल रहे हैं, लेकिन गाजा के ग्राउंड लीडर्स में मतभेद बाकी।
शांति या नया संकट?
ट्रंप की योजना ने आशा जगाई, लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं—हमास का आंशिक स्वीकार्यता और इजरायल की सख्ती से डील फेल हो सकती है। योजना में फिलिस्तीनियों को एमनेस्टी, सुरक्षित पैसेज और सहायता का वादा है, लेकिन राज्य का रास्ता लंबा। भारत का समर्थन डिप्लोमेसी को बूस्ट देगा, खासकर यूएस-इंडिया टाईज में। यदि रिहाई हुई, तो सीजफायर स्थायी बन सकता है; वरना तनाव बढ़ेगा। वैश्विक लीडर्स की अपील है—सभी पक्ष संवाद करें। गाजा के मासूमों के लिए यह मौका न गंवाएं, वरना दो साल का दर्द और लंबा खिंचेगा।
