नक्सलियाें ने मुदवेंडी आईईडी विस्फाेट में मारे गए दो बच्चों के परिजनों से मांगी माफी, पत्रकारों काे दी नसीहत

बीजापुर, 10 अगस्त। नक्सलियाें के पश्चिम बस्तर डिविजन कमेंटी के सचिव माेहन के द्वारा आज शनिवार काे प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिले के ग्राम मुदवेंडी में आईईडी विस्फाेट की चपेट में आने से मारे गए दो बच्चों के परिजनों से माफी मांगी है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि गांव वालों को नुकसान पहुंचाने की हमारी कोई मंशा नहीं थी। जंगल के रास्ते में आईईडी प्लांट थी और इस रास्ते से गांव वालों को नहीं जाने के लिए पहले ही बता दिया गया था। सरकार-पुलिस के खिलाफ चल रही हमारी लड़ाई से कुछ गलतियां हो रही है, इसके लिए माफी मांगते हैं।
नक्सलियों के माफीनामा के साथ जारी विज्ञप्ति में यह भी स्वीकार किया है कि पुलिस ने पीडिया, इतावार समेत अन्य गांवों में फर्जी मुठभेड़ में 80 से ज्यादा लोगों (नक्सली) को मारा है, जिसकी जिम्मेदार सरकार है। आईईडी की चपेट में आकर मारे जा रहे निर्दोष आदिवासियों की जिम्मेदार भी सरकार है। पुलिस कैंप खोलकर गांवों पर हमला करने का आरोप भी लगाया गया हैं। नक्सलियों ने मीडिया, पत्रकारों से सच्चाई सामने लाने की अपील करने के साथ ही नक्सल संगठन की तरफ से संगठन के विरुद्ध दुष्प्रचार जैसे समाचार प्रकाशन, प्रसारण का जिक्र करते हुए पत्रकार संघ, संगठन को विचार करने की नसीहत दी गई है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम मुदवेंडी में 20 अप्रैल 2024 काे प्रेशर आईईडी की जद में आने से एक 18 साल के युवक गड़िया पुनेम की मौत हो गई थी। युवक गांव के अन्य ग्रामीणों के साथ तेंदूपत्ता बांधने सिहाड़ी पेड़ की छाल से रस्सी निकालने गांव के नजदीक पहाड़ी में गया था। वहीं 27 जुलाई 2024 काे इसी गांव का रहने वाला 10 साल का हिड़मा कवासी बकरी चराने के लिए जंगल की तरफ गया हुआ था। जहां नक्सलियों के द्वारा लगाये गये प्रेशर आईईडी में बालक का पैर पड़ा और जोर का धमाका हुआ। जिससे इसके पैर के चिथड़े उड़ गए थे। घायल हिड़मा कई घंटे तक घर में तड़पता रहा, जब जवानाें को इसकी सूचना मिली तो जवान मौके पर पहुंचकर जिला अस्पताल भिजवाया गया, इलाज के दौरान उसकी माैत हाे गई थी।
