नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के धार्मिक चौपाल पर कसा तंज, भाषायी मर्यादा को लेकर किया पलटवार

मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते मध्य प्रदेश का सियासी माहौल हिंदुत्व के एजेंडे पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है। भाजपा के बाद अब कांग्रेस भी हिंदुत्व को एजेंडा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। यहीं वजह है कि अभी छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा हाल ही में बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से कथा करवाने के बाद सीहोर कुबेरेश्वर धाम वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के कथा का आयोजन करवाने जा रहे हैं। कमलनाथ के धार्मिक चौपाल पर गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है।
गृहमंंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए छिंदवाड़ा में कमल नाथ द्वारा पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराए जाने पर भी तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आते ही पॉलिटिकल पाखंड करने वाले कमलनाथ जी सियासी रोटियां सेंकने के लिए धार्मिक चौपाल लगाने के साथ कथा और भजन कीर्तन करवा रहे हैं। कमल नाथ जी 15 महीने का हिसाब धार्मिक चौपाल में बता सकते हैं कि एक रुपए का मानदेय पुजारियों को दिया हो। एक कोई कदम ऐसा उठाया हो, जो मंदिरों के निमित्त हो। ऐसा कुछ नहीं किया। न मंदिर के लिए, न ही पुजारियों के लिए और न ही धर्म के लिए उन्होंने कोई कदम उठाया। लेकिन विपक्ष में आते ही मंदिर-मंदिर खेलने लगते हैं। आखिर क्यों? मैं प्रारंभ से कह रहा हूं कि जो पालिटिकल पाखंड है, वो इस तरह से न करें। अब उन्हें चुनावी रोटियां सेंकने के लिए इस तरह भजन-कीर्तन की क्या आवश्यकता है। आप अगर कथा भी कराओ तो उस पर अपना सिंबल छापो। पंजे का निशान छाप दो। इसकी आवश्यकता नहीं है। आप सेवा के माध्यम से आइए। आप विकास गिनाइए। आप बदनामी नहीं, बराबरी करें।
मुख्यमंत्री शिवराज की भाषा पर कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि भाषा का ज्ञान उस पार्टी के नेता दे रहे हैं जिनके नेता महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते रहे हैं। जो किसी को आइटम कहते हैं। कोई टंच माल कहता है। इनके चचाजान को इनके एक नेता गालियां देते हैं। वो भाषा का ज्ञान दे रहे हैं। यह भी लोकतंत्र की अजीब खूबसूरती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा उन्हें और भूपेंद्र सिंह को आतंकी बताए जाने पर भी नरोत्तम ने जवाब देते हुए कहा कि ‘स्वाभाविक रूप से हम तो उन्हें दिखेंगे ही, क्योंकि जाकिर नाइक तो उनको शांतिदूत दिखता है।
