यूपी में IPS अधिकारियों का बड़ा फेरबदल: रघुबीर लाल बने कानपुर के नए पुलिस कमिश्नर
लखनऊ, 6 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक हेरफेर किया। चार वरिष्ठ IPS अधिकारियों के तबादले किए गए, जिसमें 1997 बैच के रघुबीर लाल को कानपुर का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया। यह फेरबदल कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और विभागीय दक्षता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। क्या यह तबादला कानपुर में सुरक्षा को नई गति देगा? आइए, इस फेरबदल की पूरी रूपरेखा जानते हैं।
रघुबीर लाल की नई जिम्मेदारी: कानपुर कमिश्नरेट का कमान
1997 बैच के IPS अधिकारी रघुबीर लाल, जो पहले अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) के पद पर तैनात थे, अब कानपुर पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं। रघुबीर लाल को दो राष्ट्रपति शौर्य पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उनका करियर सुरक्षा प्रबंधन से भरा है—नई संसद भवन की सुरक्षा मजबूत करने से लेकर CISF में सेवा तक। मायावती सरकार में वे लखनऊ के पहले और आखिरी SP (लॉ एंड ऑर्डर) रहे। कानपुर जैसे संवेदनशील शहर में उनकी नियुक्ति अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने का संकेत देती है। रघुबीर ने कहा, “कानपुर की जनता की सुरक्षा मेरी प्राथमिकता होगी।” यह तबादला अखिल कुमार के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के बाद आया है।
दिपेश जुनेजा का फोकस: अभियोजन पर केंद्रित भूमिका
1992 बैच के IPS अधिकारी दिपेश जुनेजा, जो पहले पुलिस महानिदेशक (अभियोजन) के साथ-साथ CID का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे, अब केवल पुलिस महानिदेशक (अभियोजन) के पद पर रहेंगे। यह बदलाव अभियोजन विभाग को मजबूत बनाने की दिशा में है, जहां जुनेजा के नेतृत्व में केसों की तेज ट्रायल और कन्विक्शन रेट बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। जुनेजा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं और उनका अनुभव मुकदमों की निगरानी में सहायक साबित होगा।
बिनोद कुमार सिंह और तरूण गाबा: CID और सुरक्षा में नई जिम्मेदारी
बिनोद कुमार सिंह, जो पहले पुलिस महानिदेशक/अपर पुलिस महानिदेशक (साइबर क्राइम) थे, अब पुलिस महानिदेशक (CID) के साथ-साथ साइबर क्राइम का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। यह तबादला साइबर अपराधों से निपटने और जांच एजेंसी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, तरूण गाबा, जो पहले पुलिस महानिरीक्षक (लखनऊ परिक्षेत्र) थे, अब पुलिस महानिरीक्षक (सुरक्षा) के साथ लखनऊ परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार लेंगे। गाबा का अनुभव लखनऊ की सुरक्षा और परिक्षेत्रीय समन्वय को बेहतर बनाएगा। ये तबादले योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाते हैं।
