गोशाला में फैली लंपी स्किन बीमारी

वनांचल में संचालित एक गोशाला में लंपी स्कीन बीमारी पखवाड़ेभर से फैला है, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग इससे अनजान हैं। यहां 14 बछड़ा व बछ़िया संक्रमित हैं। इन मवेशियों की हालत बहुत ही ज्यादा खराब है। वहीं बारिश में पर्याप्त चारा नहीं मिलने से मवेशियों में दुबलापन भी हो चुका है। हालांकि जंगल से मवेशियों को हरा चारा मिलता है।
जंगल के बीच श्री आशा गोशाला ग्राम डांगीमाचा में वर्तमान में 350 मवेशी है। मवेशियों की गोशाला में चार बछड़ा व बछिया खतरनाक लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित होकर गंभीर हालत में है। पैर में सूजन, शरीर में फफोले और मुंह पर भारी घाव था। गोशाला प्रमुख अंगद साहू ने बताया कि पिछले पखवाड़ेभर से उनके गोशाला के मवेशियों में लंपी स्किन बीमारी फैला हुआ है, इससे 14 बछिया व बछड़ा संक्रमित है। सभी संक्रमितों का उपचार जारी है। शासकीय पशु चिकित्सा विभाग के पशु चिकित्सकों ने इंजेक्शन भी लगाया है और दवाइयां भी दी है।
वहीं संक्रमित मवेशियों को काढ़ा के रूप में गिलोय, हल्दी, कालीमिर्च, गौझरव का काढ़ा बनाकर दिया जा रहा है, ताकि सेहत में सुधार आ सके। अभी भी मवेशियों की हालत ठीक नहीं है। यह बीमारी गोशाला में सिर्फ बछड़ा व बछिया को है। बड़े गायों में नहीं फैला है, वे सुरक्षित है। पशु चिकित्सा विभाग में पदस्थ उपसंचालक और डांगीमाचा क्षेत्र में मवेशियों के उपचार करने वाले डाक्टर दावा कर रहे हैं कि जिले में कहीं भी मवेशियों में लंपी स्किन बीमारी का संक्रमण नहीं फैला है। इससे स्पष्ट है कि श्री आशा गोशाला ग्राम डांगीमाचा के मवेशियों पर पशु चिकित्सा विभाग के डाक्टर व अधिकारियों की नजर नहीं है, यही वजह है कि यहां फैले लंपी स्किन बीमारी से विभाग अनजान है।
यह गोशाला एक एकड़ में संचालित है, जो मवेशियों के लिए छोटा पड़ रहा है। यहां रखे ज्यादातर मवेशी बारिश में पर्याप्त पैरा व चारा नहीं मिलने से दुबला गए है। हालांकि संचालक द्वारा पैरा व दाना खरीदा गया था। संचालक अंगद साहू ने बताया कि बारिश में पैरावट की थोड़ी कमी रहता है, लेकिन जंगल से मवेशी चारा चर लेते हैं। मवेशियों की हालत ठीक है। अभी पैरा व दाना खरीदा गया है। शासन से उनके गोशाला को अनुदान भी मिल रहा है। गोशाला में 22 कर्मचारी है, जो अपनी सेवा दे रहे हैं। यहां दुर्घटनाग्रस्त मवेशियों को भी रखा गया है, जिनका उपचार जारी है।
उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग धमतरी डाॅ. एमएस बघेल ने बताया कि जिले के मवेशियों में कहीं भी लंपी स्किन बीमारी की शिकायत नहीं है। सभी जगह स्थिति ठीक है।
पशु चिकित्सक धमतरी डाॅ. सुरेन्द्र कुर्रे ने कहा कि लंपी स्किन बीमारी से बचाव व सुरक्षा के लिए मवेशियों में टीकाकरण किया गया है। वर्तमान में जिले से कहीं भी गांवों व गोशालाओं के मवेशियों में लंपी स्किन बीमारी की जानकारी नहीं मिली है। जिले में मवेशी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
