कहानीकार अब्दुल ग़फ़्फ़ार की लिखित पुस्तक ” आ अब लौट चले.” कहानी संग्रह का लोकार्पण हुआ

राष्ट्रपिता गांधी और प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री के जन्म दिवस के पावन अवसर पर बगहा नगर परिषद के दुबे टोला मुहल्ला स्थित ज्ञान रत्न कोचिन सेंटर में सोमवार को कहानीकार अब्दुल ग़फ़्फ़ार की लिखित पुस्तक ” आ अब लौट चले.” कहानी संग्रह का लोकार्पण हुआ। किताब पर विषय प्रवेश कराते समय कहानीकार अब्दुल गफ्फार ने कोरोना पीड़ा में पीड़ितों की व्यथा और सामाजिक वेदना को अपनी वेदना के रूप में प्रस्तुत किया।बताया कि सामाजिक संवेदना समाज से कैसे गायब होती जा रही है, इन्हीं सब वेदनाओं का संग्रह मेरी किताब ” आ अब लौट चलें “कहानी संग्रह है।
उन्होंने कहा कि किताब को प्रकाशित करवाने के दौरान आर्थिक तंगी को झेलना पड़ा है फिर भी किताब प्रकाशित हुआ है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इकोनोमिक्स इंडिया के सम्पादक मनोहर मनोज ने अपने सम्बोधन में कहा कि किताब को लिखना और प्रकाशित करवाना लेखक के लिए बडी चुनौती होती है। वहीं विशिष्ट अतिथि कहानीकार अजय पाण्डेय ने अब्दुल गफ्फार द्वारा लिखित किताब पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनकी किताब पठनीय है, जो समाज को एक नई दिशा प्रदान करेंगी। कार्यक्रम में लेखक प्रो. अरविंद नाथ तिवारी,कवयित्री सीमा स्वधा, कवि अविनाश पांडेय, समाजसेवी दयाशंकर सिंह, राकेश सिंह, आलमगीर रब्बानी ने भी पाठक गणों को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि एवं साहित्यकार अखिलेश्वर त्रिपाठी ने कहा कि लेखक और कहानीकार वही होता है जिसको लोग पढ़ और समझ सकें। फणीश्वरनाथ रेणू इसके लिए जाने गये, जिसकी एक झलक अब्दुल गफ्फार की लेखनी में मिलती है, इनकी कहानी संग्रह उच्चस्तरीय कहानी संग्रह है। कार्यक्रम का संचालन ख्यातिप्रद संचानलकर्ता प्रो. दीपक राही ने किया।
